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तलवंडी राणा रोड को टुकड़ों में बांटकर सरकार कर रही ग्रामीणों के साथ धोखा : एडवोकेट ओ.पी. कोहली

5.2 कि.मी. का स्थायी रोड न देकर, सरकार करोड़ों रुपये कर रही बर्बाद

एंटिक ट्रुथ | हिसार

तलवंडी राणा चंडीगढ़ हाईवे पर तलवंडी राणा रोड बचाओ संघर्ष समिति के धरने को 14 महीने पूरे हो गए हैं। इस अवसर पर समिति के अध्यक्ष एडवोकेट ओ.पी. कोहली ने धरने को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार लगातार ग्रामीणों के साथ छलावा और धोखा कर रही है। सरकार ने ग्रामीणों को मात्र 2.2 कि.मी. का रोड देकर उसे पहले वाले ही रोड में मिला दिया है जो कि हवाई अड्डे की पट्टी में आ चुका है और उसकी जमीन एक्वायर हो चुकी है। कुछ दिनों बाद ही यह रोड भी उखाड़ दिया जाएगा और ग्रामीणों के सामने पहले जैसी ही स्थिति उत्पन्न हो जाएगी। सरकार करोड़ों रुपये खर्च करके रोड बनाती है और बाद में उसे उखाड़ देती है फिर ऐसे रोड बनाने का मतलब केवल करोड़ों रुपये पैसे की बर्बादी है। पहले जब ग्रामीण दो वर्ष पूर्व 34 दिन तक धरने पर बैठे थे तो तत्कालीन उप मुख्यमंत्री द्वारा यह पता होते हुए भी कि जो रोड ग्रामीणों को दी जा रही है वह हवाई अड्डे की जमीन में है वह सरकार द्वारा ग्रामीणों को दे दी गई और उस पर करोड़ों रुपये खर्च करके रोड बनवा दिया लेकिन थोड़े समय बाद ही एयरपोर्ट ऑथोरिटी ने उसे उखाड़ दिया। सर्वप्रथम तो सरकार को ग्रामीणों की समस्या का स्थायी समाधान करते हुए एयरपोर्ट की बाहरी दीवार के साथ-साथ धांसू गैस प्लांट तक का 5.2 कि.मी. का रोड देना चाहिए था जिसकी ग्रामीण शुरू से ही मांग करते आ रहे हैं लेकिन ऐसा नहीं किया गया।  पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने भी बरवाला हलके में एक जनसभा के दौरान एक माह में ग्रामीणों को रोड देने का वादा किया था लेकिन उन्होंने भी अपना वादा नहीं निभाया।
कोहली ने बताया कि अब सरकार ने 2.2 कि.मी. का रोड देकर औचारिकता पूरी कर दी है क्योंकि जिस पुराने रोड से इस रोड को मिलाया गया है वह एयरपोर्ट पट्टी में आ चुका है और उसे एक्वायर किया जा चुका है। कुछ समय बाद ही उसे भी उखाड़ दिया जाएगा। तलवंडी राणा माइनर को शिफ्ट करने का ड्राफ्ट बनाया जा चुका है। इस प्रकार से सरकार ने न केवल केवल ग्रामीणों के साथ धोखा किया है बल्कि करोड़ों रुपये की बर्बादी भी की जा रही हे क्योंकि उस रोड के टूट जाने और संपर्क कट जाने के बाद वर्तमान 2.2 कि.मी. के टुकड़े का कोई औचित्य नहीं रह जाएगा।
एडवोकेट ओ.पी. कोहल ने बताया कि इस रोड को पार्ट-1 और पार्ट-2 दो भागों में बांटने का कोई तुक नहीं था। 2.2 कि.मी. की सडक़ तो बना दी गई है लेकिन अभी तक बाकी के पार्ट-2 की 3 कि.मी. रोड की फाइल भी तैयार नहीं की गई है। हमारी शुरू से ही 5.2 कि.मी. रोड दिए जाने की जाने की मांग थी जिसका प्रस्ताव व नक्शा इत्यादि भी विभाग व सरकार को उपलब्ध करवा दिया गया था लेकिन सरकार ने ग्रामीणों की समस्या का स्थायी समाधान करने की बजाय उल्टी गंगा पहाड़ चढ़ाने व हमारे साथ धोखा करने काम किया है। सरकार जानबूझ कर ग्रामीणों की अनदेखी कर रही है और हमें प्रताडि़त कर रही है।
कोहली ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि सरकार में हमें अधूरा रोड देने की बताय पूरा 5.2 कि.मी. का रोड बनाकर दे जो 2.2 कि.मी. का रोड अभी शुरू किया गया है उसका औचित्य तभी बनता है जब उसे आगे के धांसु गैस प्लांट तक 3 कि.मी. का रोड बनाकर उसके साथ जोड़ा जाए और ग्रामीणों की समस्या का स्थाई समाधान हो तथा सरकार का भी बार-बार करोड़ों रुपया बर्बाद होने से बचे व लोगों के भी पेट्रोल, डीजल व समय की बर्बादी रुक सके।

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