तलवंडी राणा रोड की मांग को लेकर धरने पर बैठे ग्रामीणों ने भाजपा उम्मीदवार रणजीत चौटाला को रोककर 3 कि.मी. का बकाया रोड दिलवाने की मांग की
मंत्री ने आचार संहिता का हवाला देकर चुनाव के बाद रोड बनवाने की बात कही, ग्रामीण बोले आचार संहिता में मंत्री मंडल का गठन हुआ तो रोड भी दिया जा सकता है
एंटिक ट्रुथ | हिसार
चंडीगढ़ बाई पास पर पिछले 427 दिनों से धरना दे रहे तलवंडी राणा व आस पास के दर्जनों गांवों के ग्रामीणों ने आज उकलाना रैली में जा रहे हिसार लोकसभा से भाजपा उम्मीदवार रणजीत चौटाला को रोककर उनके समक्ष 3 कि.मी. का बकाया रोड देने की मांग उठाई। तलवंडी राणा रोड संघर्ष समिति के अध्यक्ष एडवोकेट ओ.पी. कोहली ने रणजीत सिंह चौटाला को रोड संबंधी पूरी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सरकार ने ग्रामीणों को 2.2 कि.मी. को रोड तो दे दिया है लेकिन उसे पुराने रोड से जोड़ दिया है जो कि एयरपोर्ट की एक्वायर जमीन में है। कुछ दिन बाद ही उस रोड को भी उखाड़ दिया जाएगा। ग्रामीण सरकार से हिसार एयरपोर्ट की बाहरी दीवार से राणा माइनर व धांसू गैस प्लांट तक 3 कि.मी. का सडक़ मार्ग दिए जाने की मांग लंबे समय से कर रहे हैं जिससे ग्रामीणों की समस्या का स्थाई समाधान हो जाएगा और इस रोड पर पडऩे वाले गांव उजडऩे से बच जाएंगे।
उन्होंने बताया कि यह रोड बंद हो जाने से ग्रामीणों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीणों ने 14 महीने से गांव में से गुजरते हुए किसी बस व ऑटो का मुंह नहीं देखा है जबकि यह रोड पहले 24 घंटे गुलजार रहता था और 24 घंटे यातायात का आवागमन रोड पर बना रहता था। तलवंडी राणा रोड बंद हो जाने से सबसे अधिक छात्र-छात्राओं की शिक्षा प्रभावित हुई है। छात्राओं को अब 5-6 कि.मी. की बजाय 23 कि.मी. का सफर तय करके अपने स्कूल कॉलेज जाना पड़ रहा है। इसके साथ ही रोजाना हिसार जाने वाले कर्मचारी, किसान, मजदूर, दूध, फल व सब्जी विक्रेताओं को भी भारी दिक्कतों का सामना करते हुए अपने गंतव्य तक पहुंचना पड़ रहा है। इसके अलावा उनकी जेब पर भी बोझ बढ़ गया है। इस सडक़ पर पडऩे वाले अधिकतर उद्योग ठप हो चुके हैं। इसलिए हमारी आपसे मांग है कि हमें 3 कि.मी. का रोड देकर ग्रामीणों का समस्या का स्थायी समाधान करवाएं।
इस पर रणजीत चौटाला ने कहा कि आप लोगों की मांग जायज है इसे जरूर पूरा करवाया जाएगा। उन्होंने आचार संहिता का हवाला देते हुए कहा कि अभी आचार संहिता के चलते रोड बनना संभव नहीं है। इस पर ग्रामीणों ने कहा कि सरकार ने मंत्री मंडल के गठन के लिए भी प्रमिशन ले ली थी तो हमारे रोड के लिए भी सरकार परमिशन लेकर जल्द से जल्द इस सडक़ को पूरा करवाए। ग्रामीणों ने बताया कि जो 2.2 कि.मी. का सडक़ मार्ग ग्रामीणों को बनाकर दिया गया है उसमें भी पेंच फंस गया है। डीसीएस मिल ने इस रोड में 16 कनाल भूमि खुद की बताते हुए हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। इससे लग रहा है कि यह रोड भी ग्रामीणों के हाथ नहीं आने वाला और सरकार ने केवल खानापूर्ति व औचारिकता के लिए ग्रामीणों को रोड दिया है। ग्रामीणों की मांग पर रणजीत सिंह ने ग्रामीणों को अगले दिन उनके ऑफिस में मिलने के लिए बुलाया है और इस बारे में विचार कर समाधान की बात कही। एडवोकेट कोहली ने कहा कि उनके धरने को 14 महीने से अधिक समय हो गया है और ग्रामीण आंधी, तूफान, सर्दी, गर्मी में धरने पर लगातार डटे हुए हैं।