किसान की मांगों को मानकर अन्नदाता के साथ न्याय करे सरकार : हरपाल सिंह बूरा
एंटिक ट्रुथ | हिसार
कांग्रेस नेता व हरियाणा टैक्स ट्रिब्यूनल के पूर्व न्यायी सदस्य हरपाल सिंह बूरा ने कहा कि किसान सरकार से एमएसपी की मांग कर रहा है। सरकार सी2+50 प्रतिशत फार्मूला के हिसाब से सरकार अड़ी हुई है। ए+2 एफ एल फॉर्मूले पर केंद्र सरकार देश के अन्नदाता को सडक़ों पर खड़ा रहने के लिए मजबूर कर रही है।
हरपाल बूरा ने कहा कि किसान सी2+50 प्रतिशत के हिसाब से मांग कर रहे हैं इसमें किसान की जमीन का किराया एवं खेती पर आने वाली सभी तरह की लागत शामिल होती है। न्यूनतम समर्थन मूल्य के तहत फसलों की कीमत निर्धारित करना। दूसरी तरफ सरकार ए2+एफ एल फार्मूले के हिसाब से दे रही है। इसमें किसान खेती के लिए जिस पूंजी का भुगतान करता है और परिवार के श्रम का मूल्य शामिल होता है। इसलिए किसानों के द्वारा मांगी गई एम.एस.पी. गारंटी तथा केंद्र द्वारा दिये जा रही एम.एस.पी में अंतर है। इसलिए केंद्र सरकार को किसानों की मांगों को मानकर अन्नदाता से न्याय करना चाहिए तथा अपने घोषणा पत्र में शामिल कर किसान की मांग को मानकर भारत-पाकिस्तान युद्ध जैसे हालात नहीं पैदा करने चाहिए। उपरोक्त फॉर्मुलों से सरकार की मंशा साफ दिखाई दे रही है। किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य की मांग इसलिए कर रहे हैं क्योंकि किसान को डर रहता है कि बाजार में इन जिंसों की कीमत नहीं मिलती। इसलिए यह मांग उचित है तथा किसानों के सामने कीलों की बाधाएं, कंकरीट के बैरिकेट लगाने व आंसू गैस के गोले दागने की बजाय उनकी मांग मान लेनी चाहिए।