फरीदाबाद की नीमका जेल में बंदी की मौत:अचानक बिगड़ी तबीयत
22 जनवरी की देर शाम राजन की तबियत खराब हुई
हरियाणा के जिले फरीदाबाद की नीमका जेल में हत्या के आरोप में बंद एक विचाराधीन बंदी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई जिसके शव को बादशाह खान सिविल अस्पताल की मोर्चरी में पोस्टमॉर्टम के लिए रखवाया गया है।
बता दें बीते 13 दिसंबर की रात को फरीदाबाद के सरूरपुर गांव के पास बनी दुर्गा कॉलोनी में दो युवकों ने दो युवकों को पीट-पीट कर अधमरा कर दिया था। जिन में राजेश की मौत हो गई थी तो वही दूसरा साथी प्रदीप घायल हो गया था। इस घटना को अंजाम देने के आरोप में पुलिस ने राजन पुत्र अजय उम्र 25 वर्ष और नईम उम्र लगभग 38 को थाना मुजेसर पुलिस और क्राइम ब्रांच की टीम ने राजेश को बीते 19 दिसंबर को हत्या के आरोप गिरफ्तार किया था। तभी से राजन और नईम दोनों फरीदाबाद की नीमका जेल में बंद थे।
बता दें की बीते 22 जनवरी की देर शाम राजन की तबियत खराब हुई थी जिसे नीमका जेल से पुलिस इलाज के लिए फरीदाबाद के बादशाह खान सिविल अस्पताल में इलाज के लिए पहुंची थी लेकिन राजन ने अस्पताल पहुंचते पहुंचते रास्ते में दम तोड़ दिया और पुलिस राजन को अस्पताल में मृत अवस्था में लेकर पहुंची थी । फिलहाल मृतक राजन के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए बादशाह खान सिविल अस्पताल में रखवाया गया है।
वहीं इस मामले में नईम और राजन की मूंह बोली बहन बैजन्ती ने बताया की बीते 13 दिसंबर को राजन की राजेश और प्रदीप से किसी बात को लेकर कहासुनी हुई थी। जिसके बाद राजन ने नईम को फोन कर इसकी जानकारी दी थी और मौके पर बुलाया था ।
लेकिन नईम उस समय पलवल था और नईम ने राजन को घर चले जाने के लिए कहा था। लेकिन राजन अपनी जिद पर अड़ गया तब नईम पलवल से चलकर मौके पर पहुंचा था। जिसने झगड़े को शांत करने का प्रयास किया था। लेकिन राजेश और प्रदीप झगड़े पर उतारू हो गए और झगड़ा हो गया । इस झगड़े में राजेश की मौत हो गई थी।
वहीं बैजंती ने बताया कि राजन की उम्र 25 वर्ष थी वह बिल्कुल स्वस्थ था। उसे राजन की इस तरह से हुई मौत पर विश्वास नहीं हैं। वह चाहती है की राजन की मौत के मामले की बारीकी से जांच हो ताकि मौत की असल वजह सामने आ सके।