हरियाणा

सुप्रीम कोर्ट के नोटिस पर राजेश हिन्दुस्तानी मजदूर दंपत्ति को साथ लेकर एडीआर लोक अदालत हिसार पहुंचे

पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट से मजदूर दंपत्ति को बच्चे की मौत का मुआवजा 15 लाख दिलवाया पर निगम पहुंचा सुप्रीम कोर्ट

एंटिक ट्रुथ | हिसार

जागो मानव-बनो इंसान संस्था के अध्यक्ष एवं सामाजिक कार्यकर्ता गंगापुत्र राजेश हिन्दुस्तानी ने बताया कि मजदूर टोनी के बच्चे की मौत का मुआवजा उन्होंने माननीय हाईकोर्ट से लंबा संघर्ष करके 15 लाख रुपये दंपत्ति को निगम द्वारा देना मंजूर करवाया जो निगम ने सुप्रीम कोर्ट में अपील डाल दी कि ये मामला रेलवे का है। राजेश हिन्दुस्तानी ने कहा कि डेढ़ साल के बच्चे की रेलवे के खुले मेनहोल में 2018 में गिरने से मौत के बाद मजदूर टोनी को वर्मा न्यूज एजेंसी की मालिक वीनाने फोन कर मदद हेतु बुलाया हिन्दुस्तानी मजदूर दंपत्ति के कमरे को रेलवे प्रशासन व जेई द्वारा जबरन खाली करवाने पर वहां धूप में बैठ गए पुलिस ने केस बनाने की व बीकानेर में तारीख पडऩे की धमकी दी। हिन्दुस्तानी ने जोखिम लेते हुए वहां से 6-7 दिन तक न हटे और कहा कि इनको दूसरा कमरा मिलने पर ही 10-15 दिन में खाली करवा देंगे अभी तो बच्चे की मौत से सदमे में है। 4000 रुपये जेई से दंपत्ति को बाद में हिन्दुस्तानी ने दिलवाए।
राजेश हिन्दुस्तानी अर्बन एस्टेट चौकी, धांसु रोड पुलिस में, डीसी व एडीसी सब जगह मामले को ले गए पर सुनवाई ना होने पर उन्होंने खुद के मामले की बजाय हाईकोर्ट से ज्युडिसरी इंस्पेक्शन पर आई माननीय जज दया चौधरी को लिखित पत्र देते हुए दंपत्ति को सामने पेश करके मांग की कि इन्हें मुआवजा दें तथा हरियाणा भर के मेन हॉल में खुले होने के कारण जो हादसे होते हैं उस पर रोग लगे ताकि लोगों की जान जाने से बचे। जिस पर दया चौधरी ने हिन्दुस्तानी की सच्चाई व सेवाओं को देखते हुए मामला चीफ जस्टिस पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट को सौंपा तो उन्होंने इसे जनहित याचिका मानते हुए सरकार को नोटिस जारी कर मेन हॉल को ढंकने के आदेश दिए। पहले हिन्दुस्तानी खुद चंडीगढ़ गए बाद में वकील मुकेश राव के मार्फत मामले की पैरवी करते रहे। मजदूर दंपत्ति ने इस दौरान कई वर्ष तक हिन्दुस्तानी से संपर्क ना रखा क्योंकि उन्हें किसी प्रकार की उम्मीद नहीं थी।
दिसंबर 2018 में हाईकोर्ट ने निगम को 15 लाख फिक्स डिपोजिट मजदूर दंपत्ति के खाते में डालने के आदेश दिए। हिन्दुस्तानी ने परिवार को ढूंढा। इसी दौरान निगम ने सुप्रीम कोर्ट में अपील कर दी कि ये मामला रेलवे कालोनी का है इसलिए रेलवे अदा करे। माननीय सुप्रीम कोर्ट ने हिसार लोक अदालत एडीआर के मार्फत हिन्दुस्तानी को नोटिस भेजा तो वे मजदूर दंपत्ति व उनके बच्चों सहित पेश हुए वहां सीजीएम साहिबा को निगम ने दलील दी कि ये मामला रेलवे का है और सुप्रीम कोर्ट के बाद डिसाइड होगा। हिन्दुस्तानी ने मामले के तथ्य सामने रखे जज साहिबा ने निगम से कहा कि अभी केस भी लिस्टिड नहीं और दो दिन में रिपोर्ट भेजनी है और ये अंतरिम आदेश है। आप दो दिन में इसका जवाब दें। आप बिना स्टे पार्टी को पेमेंट क्यों नहीं कर रहे। निगम इस संबंध में दो दिन में जवाब देगा। हिन्दुस्तानी ने बताया कि लोक अदालत में मामला वीडिया कांफ्रेंसिंग के जरिए भी 29 जुलाई से 3 अगस्त पेंडिंग है।

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