योग दिवस के बहाने भीड़ जुटाने के लिए बच्चों व शिक्षकों का सहारा लेकर उन्हें परेशान कर रही सरकार : उमेद लोहान
भीषण गर्मी एवं छुट्टियों के बीच सीएम के कार्यक्रम में बच्चों व शिक्षकों को अनिवार्य रूप से बुलाना गलत : लोहान
एंटिक ट्रुथ | हिसार
इंडियन नेशनल लोकदल के राष्ट्रीय प्रवक्ता उमेद लोहान ने कहा कि योग दिवस के बहाने हजारों छात्रों व शिक्षकों को सीएम के कार्यक्रम में बुलाना बेहद गलत व अन्यायपूर्ण है। सरकार के मुखिया मुख्यमंत्री को भी खुद की सरकार के कामों पर इतना भी विश्वास नहीं रहा कि वो अपने दम पर लोगों की भीड़ इक_ी कर सकंे। जिस योग को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने के नाम पर आमजन के टैक्स के करोड़ों फूंककर भाजपा अपनी देन बताना चाह रही है वो ये भूल रही है कि योग सदियों से हमारी दिनचर्या का अहम हिस्सा रहा है।
उमेद लोहान ने कहा कि असल में ऑन रिकार्ड भाजपा आम लोकसभा चुनावों में पूरे हरियाणा में अपना जनाधार खो चुकी है खासकर जिला हिसार में तो सबसे कम वोट मिले हैं। इसलिए ही मुख्यमंत्री की स्पेशल ड्यूटी हिसार में लगाई गई है जिन्हें भीड़ इक_ी करने के लिए इस योग दिवस का साहरा लेना पड़ रहा है। जिला प्रशासन स्तर के अधिकारियों पर दबाव इतना है कि उन्होंने जिले के सरकारी कर्मचारियों को अनिवार्य रूप से इसमें 19 जून से ही 21 जून तक जीजेयू यूनिवर्सिटी के क्रिकेट स्टेडियम में सुबह 5:45 पर बुलाने के आदेश जारी किए जा रहे हैं। इसमें शिक्षा विभाग के कर्मचारी अधिकारियों पर विशेष दबाव बनाया जा रहा है।
लोहान ने कहा कि ये बेतुके आदेश जारी करने वाले सरकार के नुमाइंदों को समझना चाहिए गर्मियों की छुट्टियों में बच्चे अपने ननिहाल या कहीं घुमने गए हुए होते हैं तो उनके शिक्षक उन्हें कहां से इस सरकारी कार्यक्रम में लेकर आएंगे। ऊपर से इतनी भयंकर गर्मी में सुबह 5:45 तक बच्चों को पहुंचने के तुगलकी आदेश जारी किए गए हैं। कब बच्चे उठेंगे इतनी गरमी में खाली पेट तैयार होकर कब पहुंचेंगे और कब वापिस अपने घर आएंगे। बिना सोचे-समझे अपने तुगलकी आदेश जारी कर सरकार शिक्षकों व बच्चों के साथ अन्याय कर रही है। वहीं शिक्षा विभाग के अधिकारीयों की भी इतनी हिम्मत नहीं है कि वे सरकार व जिला प्रशासन को ये अवगत करा सकें कि इतनी भयंकर गर्मी में यह बच्चों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ है जबकि स्कूलों में योगिक क्रियाएं रूटीन में होती भी हैं। साथ ही सरकार ये भी भूल रही है कि बच्चों को किसी भी तरह के राजनैतिक कार्यक्रमों में नहीं बुलाया जा सकता है परन्तु जनाधार खो चुकी सरकार किसी भी तरह से भीड़ इक_ी करना चाहती है फिर उन्हें चाहे इसके लिए कोई भी मौका या दिन क्यों ना मिले।