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मिट्टी से आए मिट्टी पर, फिर मिट्टी में ही है समाना, जब हकीकत यही है तो भला किस बात पर इतराना

अणुव्रत समिति और बजम-ए-अदब की योग और काव्य गोष्ठी आयोजित

एंटिक ट्रुथ | हिसार

अणुव्रत समिति हिसार और बज्म ए अदब के तत्वाधान में योग और काव्य गोष्ठी अणुव्रत कार्यालय, पुरानी मंडी रोड पर आयोजित की गई। गोष्ठी में मंच संचालन जयभगवान लाडवाल ने किया तथा मुख्य अतिथि राजेन्द्र अग्रवाल थे। इस अवसर पर राजेंद्र अग्रवाल ने काव्य रचना सुनाई ‘मिट्टी से आये मिट्टी पर, फिर मिट्टी में ही समाना, जब हकीकत यही है तो भला किस बात पर इतराना।’ जयभगवान लाडवाल ने योग पर सुनाया ‘रोज करो तुम योग-योगी कम भोगी ज्यादा, बहुत बढ़े न्यू रोग।’ ऋषि सक्सेना ने सुनाया ‘आसमां में आज देखा चौदहवीं का चाँद मुझे, मेरी आरजू चौदहवी का चाँद।’
नरेश पिंगल निर्गुण ने सुनाया ‘जिनके चरणों में हम नित गाते रहे सर झुकाते रहे, गुरुदेव बिना हम जाएँ कहां।’ पी.पी. शर्मा ने सुनाया ‘कैसे गिनती करें गगन में झिलमिल करते तारों की, कैसे गिनती करें देश में छिपे हुए गद्दारों की।’ वीरेंद्र कौशल ने सुनाया ‘ईमानदार का ईमान मरा, बेईमान को ईमानदारी चाहिए।’ विनोद जैन ने अणुव्रत गीत सुनाया ‘संयम ही जीवन है, नैतिकता की सुर सरिता में जन-मन पावन हो।’ इस अवसर पर अध्यक्ष राजेंद्र अग्रवाल, दर्शन लाल शर्मा, अनिल जैन, इंद्रेश पांडे, जगदीश गर्ग, राजकुमार सोनी, विनोद जैन, अनिल गुप्ता, नाथू राम सहित अन्य गणमान्य सदस्य उपस्थित थे।

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