हिसार

किंग ऑफ स्वांग’ ने अदाकारी का जादुई रंग बिखेरा

स्वांग ‘त्रिया चरित्रम्’ से डॉ. सतीश कश्यप व अन्य कलाकारों ने दर्शकों के दिलों पर छोड़ी अमिट छाप

एंटिक ट्रुथ | हिसार

पिंगला रानी अपने प्रेमी दारोगा के साथ महल में अकेली है जिसे उसका देवर विक्रमादित्य देख लेता है। पिंगला उसे अपने त्रिया चरित्र से धमकाने, डराने की कोशिश करती है लेकिन विक्रमादित्य इस बात को अपने बड़े भाई राजा भर्तृहरि को बता देता है जिस पर राजा पिंगला के पास आता है लेकिन रानी पिंगला राजा भर्तृहरि के सामने अपने त्रिया चरित्र से विक्रमादित्य पर ही इल्जाम लगाती है कि विक्रमादित्य की उस पर बुरी नजर है। इसे साबित करने के लिए वह नगर सेठ को भी झूठा गवाह बना लेती है जिसे राजा मान भी लेता है और राजा विक्रमादित्य को फांसी दे देते हैं लेकिन बाद में राजा को रानी पिंगला की असलियत का पता चलता है तो राजा उसे छोडक़र संन्यास की राह पर निकल पड़ते हैं। यह कहानी सुनने में तो सामान्य लगती है लेकिन जब इसके एक-एक किरदार को किंग ऑफ स्वांग कहे जाने वाले डॉ. सतीश कश्यप व उनकी टीम ने निभाया तो वहां पर इस पूरी कहानी का सजीव चित्रण हो गया और इसका एक-एक किरदार मुंह से बोल रहा था। मांगेराम लिखित स्वांग ‘त्रिया चरित्रम्’ का मंचन डीसी कॉलोनी स्थित जोरबाा थियेटर में किया गया।
दर्शकों सें खचाखच भरे जोरबा थियेटर में डॉ. सतीश कश्यप व साथी कलाकारों ने जो समां बांधा उससे तालियों की गडग़ड़ाहट से पूरा हॉल गूंज उठा। डॉ. सतीश कश्यप ने अपनी मंजी हुई अदाकारी से स्वांग में राजा भर्तृहरि, विक्रमादित्य, दरोगा और नगर सेठ के किरदार निभाए। विभोर भारद्वाज ने स्वांग में त्रिया चरित्र दिखाने वाली रानी पिंगला का किरदार निभाया और अपनी अनूठी अदाकारी की छाप छोडक़र दर्शकों की खूब वाहवाही बटोरी। वहीं संजना कश्यप इसमें उनकी बांदी के रोल में नजर आई। अनिल सैनी दरबारी के रोल में नजर आए। डेढ़ घंटे के शो के दौरान दर्शक जहां थे वहीं ठहरे रहे। उनकी यही टीम सतीश कश्यप के साथ ‘शिव पार्वती’ और ‘जानी चोर’ में भी रही। स्वांग में राजीव मसीह ने संगीत दिया इनके साथ नगाड़े पर राजेश खन्ना ने साथ दिया और बेहद सुरीली स्वर लहरियों से दर्शकों को मंत्र मुग्ध किया। स्वांग के बीच-बीच में हल्की-फुल्की कॉमेडी ने माहौल को खुशनुमा बनाए रखे।
स्वांग के राजा डॉ. सतीश कश्यप पिछले वर्ष 1990 से स्वांग की कला को हरियाणा में पुन: जीवित करने में लगे हुए हैं। देश के विभिन्न क्षेत्रों में स्वांग की इस विधा को पहुंचाने के साथ-साथ वे विदेश की धरती पर भी हरियाणा लोक संस्कृति स्वांग को पहुंचा रहे हैं। उन्होंने हरियाणवी लोक संस्कृति स्वांग को डेनमार्क, स्वीडन, फ्रांस व ऑस्ट्रेलिया आदि देशों तक पहुंचाया है। वहीं देश में मुंबई के पृथ्वी थियेटर से लेकर दिल्ली कमानी थियेटर तक तथा उनका लक्ष्य इसे देश के गांव-गांव व गली-गली तक पहुंचाने का है। पिछले दिनों ही वे डेनमार्क में ‘जारी चोर’ स्वांग का शो करके वहां से लौटे हैं।
किंग ऑफ स्वांग डॉ. कश्यप अपनी अदाकारी व स्वांग के प्रति समर्पण के चलते हरियाणवी फिल्मों तक भी पहुंचे हैं। यशपाल शर्मा की फिल्म ‘दादा लखमी’ में वही विलेन की भूमिका में खूब जंचे हैं तो ‘कॉलेज कांड’ में भी विलेन के ही रोल में दिखे। ‘मेरे यार की शादी’ और ‘हरियाणा’ में भी वे महत्वपूर्ण भूमिकाओं में नजर आए। डॉ. सतीश कश्यप ने बताया कि जल्द ही उनका एक और स्वांग आने वाला है। दर्शकों से मिल रहे प्यार के लिए उनके धन्यवाद जताया।

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