शिक्षा

छात्राओं को बेहतरीन भविष्य की ओर ले जाता है मोदी विश्वविद्यालय

स्कॉलरशिप सहित छात्राओं को अन्य सुविधाएं उपलब्ध करवाने में मोदी युनिवर्सिटी है अग्रणी

एंटिक ट्रुथ | हिसार

लक्ष्मणगढ़ स्थित मोदी विश्वविद्यालय द्वारा हिसार के होटल मिडटाउन ग्रांड में एक प्रेस वार्ता ‘संवाद’ का आयोजन किया गया। इसमें विश्वविद्यालय ने शुरू हो रहे नए सत्र से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी मीडिया से साझा की। इस प्रेस वार्ता को मोदी विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ इंजिनयरिंग के डीन डा. प्रतीक भांति, स्कूल ऑफ लिबरल आर्ट्स एंड साइंसेज के डीन डा. जितेन्द्र बिनवाल ने संबोधित किया। उन्होंने बताया कि मोदी विश्वविद्यालय में स्कूल ऑफ लिबरल आर्टस एंड साइसेंस, स्कूल ऑफ इंजिनयरिंग, स्कूल ऑफ लॉ, स्कूल ऑफ डिजाइन एवं स्कूल ऑफ बिजनेस में विभिन्न स्नातक एवं स्नातकोत्तार के साथ पीएचडी के भी कोर्स कराये जाते हैं। विश्वविद्यालय में कई स्किल बेस्ड कोर्सेस मसलन डेटा साइंस, मशीन लर्निंग, जर्नलिज्म एंड मास कम्यूनिकेशन, फॉरेंसिक साइंस, फिजयोथेरेपी, फूड एंड न्यूट्रीशयन, बॉयोमेडिकल एवं न्यूक्लियर साइंस एंड टेक्नोलॉजी जैसे सरीखे कोर्स जो कि पूर्णत: कौशल आधारित है और छात्राओं को बेहतर भविष्य की ओर ले जाता हैं। विश्वविद्यालय का 265 एकड़ का विशाल कैम्पस शिक्षा द्वारा नारी सशक्तिकरण के अभियान को सतत आगे बढ़ा रहा है। राजस्थान सहित देशभर की छात्राओं के लिए मोदी विश्वविद्यालय ने इस साल भी कुछ खास छात्रवृत्ति की घोषणा की है।
छात्राओं को रोजगारोन्मुख बनाने के लिए विश्वविद्यालय ने वर्तमान सत्र से डी फार्मा कोर्स की भी शुरूआत की गई है। इसके साथ ही विश्वविद्यालय के मस्ट सेंटर फॉर हिन्दू स्टडीज अन्र्तगत हिन्दू स्टडीज में एम ए कोर्स भी वर्तमान सत्र से शुरू किया गया है। इस दो वर्षिय स्नातकोत्तर कार्यक्रम में छात्राओं को भारत की समृद्ध सांस्कृतिक, बौद्धिक एवं आध्यात्मिक विरासत से रूबरू होने का मौका मिलेगा। रिसर्च एवं इनोवेशन के क्षेत्र में भी विश्वविद्यालय ने कई मुकाम हासिल किए हें जिसमें क्यूरी के तहत रिसर्च एवं इनोवेशन के लिए विश्वविद्यालय को 2.25 करोड़ रूपये का अनुदान प्राप्त हुआ है, जिसके अन्र्तगत समाज के लिए महिलाओं द्वारा रासायन विज्ञान, फोरेंसिक साइंस, बॉयो साइंस, माइक्रोबायोलॉजी, फुड एवं न्यूट्रोशियन, फिजयोथेरेपी, साइकोलॉजी, बायोमेडिकल, बॉयो इंजिनयरिंग, न्यूक्लियर साइंस एंड इंजिनयरिंग जैसे क्षेत्रों में अत्याधुनिक अनुसंधान को बढ़ावा देना है जबकि साइंस एंड इंजिनयरिंग रिसर्च बोर्ड अर्थात सब स्योर से भौतिकी विज्ञान में अनुसंधान के लिए 12 लाख रूपये का अनुदान प्राप्त हुआ है। गौरतलब है कि मोदी विश्वविद्यालय में स्कूल ऑफ लिबरल आर्टस एंड साइसेंस, स्कूल ऑफ इंजिनयरिंग, स्कूल ऑफ लॉ, स्कूल ऑफ डिजाइन एवं स्कूल ऑफ बिजनेस में विभिन्न स्नातक एवं स्नातकोत्तार के साथ पीएचडी के भी कोर्स कराये जाते हैं। विश्वविद्यालय में कई स्किल बेस्ड कोर्सेस मसलन डेटा साइंस, मशीन लर्निंग, जर्नलिज्म एंड मास कम्यूनिकेशन, फॉरेनसिक साइंस, फिजयोथेरेपी, फूड एंड न्यूट्रीशयन, बॉयोमेडिकल एवं न्यूक्लियर साइंस एंड टेक्नोलॉजी जैसे सरीखे कोर्स जो कि पूर्णत: कौशल आधारित है और छात्राओं को बेहतर भविष्य की ओर ले जाता हैं।
सभी वर्गों को शिक्षा का समान अवसर मुहैया कराने के उद्देश्य से विश्वविद्यालय ने ऑनलाईन माध्यम की भी शुरूआत की है जिसके अन्र्तगत बीए, बीकॉम एम कॉम के साथ ही एमबीए और एमसीए जैसे विभिन्न कॉर्सेस करवाए जाएगें। इस माध्यम में छात्राओं के साथ छात्र भी दाखिला ले सकते हैं। आरएएस, पीसीएस एवं आइएएस जैसे परिक्षाओं के तैयारी के लिए विश्वविद्यालय कैंपस में ही छात्राओं को विशेष सुविधा प्रदान कर रही है और इसके लिए प्रतिष्ठित कोचिंग संस्थान समकल्प, नई दिल्ली से अनुबंध किया गया है ताकि छात्राओं को स्नातक के दौरान ही तैयारी का बेहतर अवसर प्राप्त हो सके। मोदी स्कूल और विश्वविद्यालय छात्राओं की शिक्षा को अनवरत जारी रखना चाहती है और इसी के मददेनजर स्कूल एवं विश्वविद्यालय कई स्तर पर छात्राओं के लिए छात्रवृति लेकर आयी है, ताकि आर्थिक स्थिति किसी के भी शिक्षा में रूकावट न बन सके। छात्रवृत्ति स्नातक और स्नातकोत्तर दोनों के लिए लागू है। विश्वविद्यालय ने मेधावी छात्राओं के लिए ट्यूश्न फी में 50 प्रतिशत तक की छात्रवृति का प्रावधान रखा है।
उन्होंने बताया कि इसके साथ ही मोदी विश्वविद्यालय की विशेष छात्रवृति योजना के तहत, पुलिस, सेना और अर्द्धसैनिक बलों में कार्यरत या सेवानिर्वत जवानों के बच्चों को पूरी पढ़ाई के दौरान ट्यूश्न फी में 35 प्रतिशत की छात्रवृति प्रदान की जाएगी। गोदी विश्वविद्यालय के कैरियर डेवलपमेंट सेल द्वारा छात्राओं को इंर्टनशिप एवं प्लेसमेंट का भी अवसर प्रदान करती है। विभिन्न संकाय की छात्राओं को उनकी दक्षता के अनुसार देश विदेश की नामी गिरामी कम्पनियों में कार्य करने का अवसर मिलता है। छात्राओं को बेहतर अवसर प्रदान करने के लिए विश्वविद्यालय ने कई इंटरनेशनल कॉलेबोरेशन भी किया है। मोदी विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ ऐटिकेट एंड फिनीशिंग में छात्राओं को कई तरह के स्किलस सिखाये जाते है जो इन्हें हर माहौल के अनुकूल बनाता है। इसके साथ ही विशेष इंगलिश लैंग्वेज ट्रेनिंग कैम्प का भी आयोजन करती है ताकि बच्चे इंटरव्यू में बेहत्तर प्रर्दशन कर सकें।
गौरतलब है कि इंर्टनशिप एवं प्लेसमेंट के क्षेत्र में मोदी विश्वविद्यालय की छात्राएं हर वर्ष एक नये मुकाम को छू रही है। 50 प्रतिशत छात्राओं के पास एक से ज्यादा ऑफर जबकि एवरेज प्लेसमेंट ऑफर का प्रतिशत 95 से ज्यादा है। 70 प्रतिशत से ज्यादा छात्राओं को दुनिया के बेहतरीन कंपनियों की तरफ से ऑफर प्राप्त हुआ है। अधिकतम सैलरी जहां 32 लाख 60 पर रही वहीं एवरेज सैलरी 11 लाख सलाना रही। सिर्फ जॉब ही नहीं बल्कि इंर्टनशिप में भी छात्राओं को एक लाख 40 हजार तक का स्टाइपेन्ड प्राप्त हुआ है। मोदी विश्वविद्यालय में 350 से ऊपर कंपनियां हर साल कैम्पस सेलेक्शन के लिए आती है जिसमें से 25 से ज्यादा कंपनियां फॉब्र्स एवं 500 फारब्यून कपनियां है। छात्राओं के सर्वांगिण विकास में शिक्षा के साथ-साथ अन्य पाठ्येत्तर गतिविधियों की भी अहम भूमिका रहती है और इसके विकास के लिए विश्वविद्यालय स्पॉट्स, घुड़सवारी, एनसीसी, एनएसएस जैसे माध्यम छात्राओं को मुहैया कराती है। मोदी विश्वविद्यालय शिक्षा के साथ संस्कार की जरूरत को समझते हुए छात्राओं को योगा, मेडिटेशन जैसे कार्यक्रमों से भी जोड़ कर रखती है ताकि छात्राएं हर परिस्थिति का सामना धैर्य एवं मजबूत मानसिकता के साथ कर सके।
छात्राओं को वर्तमान टेक्नोलॉजी से रूबरू रखने के लिए विश्वविद्यालय में आधुनिक सुख सुविधाओं से युक्त इनक्यूबेशन सेंटर की भी स्थापना की गयी जिसमें छात्राएं उद्यमिता एवं स्टार्ट अप के सभी गुर को सिखती और आजमाती है। इसके साथ ही माइक्रोसॉफ्ट, सिस्को, आइबीएम, इन्फोसिस जैसे साफटवेयरकम्पनियों ने भी विश्वविद्यालय का कोलेबोरेशन है, ये कम्पनियों छात्राओं को वर्तमान टेक्नॉलाजी से अवगत कराते रहती है ताकि छात्राएं भविष्य की तकनिक के अनुरूप खुद को तैयार कर सके।
गौरतलब है को मोदी विश्वविद्यालय अलग अलग राज्यों और शहरों में बड़े पैमाने पर छात्राओं से रूबरू होकर तन्हें उचित करियर परामर्श भी मुहैया करा रही है। मोदी विश्वविद्यालय का ये प्रयास निश्चित रूप से छात्राओं को भविष्य की सही दिशा प्रदान करेगा।

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