श्री राधा कृष्ण बड़ा मंदिर में अमावस्या का मासिक भंडारा लगाया गया
भाद्रपद की सोमवती अमावस्या का होता है बड़ा धार्मिक महत्व
एंटिक ट्रुथ | हिसार
श्री राधा कृष्ण बड़ा मंदिर में अमावस्या का मासिक भंडारा लगाया गया भाद्रपद की सोमवती अमावस्या का बड़ा ही धार्मिक महत्व होता है। मंदिर के महंत राहुल शर्मा ने बताया कि भाद्रपद की अमावस्या को सतियों की व पिठौरी की अमावस्या भी कहा जाता है। इस दिन पुड़े भी बनाए जाते हैं और भोग लगाकर बांटे जाते है। मान्यता के अनुसार अमावस्या के दिन पवित्र नदियों में स्नान करके अपने पितरों को पिंड देने चाहिए और पितरों के निमित दान पुण्य करना चाहिए। सोमवती अमावस्या का बहुत ही अधिक महत्व है, पांडवो को अपने जीवन काल में सोमवती अमावस्या का अवसर नहीं मिला। कलयुग में हमें सोमवती अमावस्या का महत्व समझना चाहिए और दान पुण्य करना चाहिए।श्री राधा कृष्ण बड़ा मंदिर में भंडारे में आलू टमाटर की सब्जी पूरी, जलेबी व पेड़े की मिठाई का वितरण किया गया। श्री ठाकुर जी के भक्तों ने भंडारा बनाने और वितरण करने में सेवा की और इस पवित्र दिन ठाकुर जी का आशीर्वाद लिया।