सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग से महिलाओं में बढ़ता है आत्मविश्वास
सेल्फ डिफेंस सोसायटी ने महिलाओं के नि:शुल्क सेल्फ डिफेंस कैंप लगाया
एंटिक ट्रुथ | हिसार
सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग से महिलाओं के आत्मविश्वास में तो बढ़ोतरी होती है इसके साथ ही वे अपनी सुरक्षा खुद करने में भी सक्षम होती हैं। आज के दौर में लड़कियों के लिए सेल्फ डिफेंस की टे्रनिंग बेहद जरूरी है। यह कहना था आर्य हाई स्कूल पटेल नगर में आयोजित सेल्फ डिफेंस कैंप के दौरान मुख्य अध्यापिका दुर्गेश बाला का। उन्होंने स्कूल की सभी छात्राओं को सेल्फ डिफेंस की टे्रनिंग आवश्यक रूप से लेने के लिए प्रेरित किया। वहीं कैंप में मुख्य अतिथि के रूप में छुपी मुस्कान फाउंडेशन से नीलम सूंडा उपस्थित हुई। उन्होंने भी लड़कियों के लिए सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग को जरूरी बताया। उन्होंने बच्चों को नशे से दूर रहने, फास्ट फूड नहीं खाने, समय का सदुपयोग करने आदि के बारे में जागरुक किया। छात्राओं ने पूरी उत्साह व उत्सुकता के साथ कैंप में भाग लिया।
लड़कियों को प्रशिक्षण प्रदान कर रहे सेल्फ डिफेंस कोच रोहतास ने कहा कि हमारा मिशन महिलाओं और लड़कियों को सुरक्षित और आत्मविश्वासपूर्ण जीवन जीने में मदद करना है। आज के समय में, हर महिला और लडक़ी को शारीरिक रूप से अपनी सुरक्षा के लिए और मुसीबत में पडऩे पर खुद को बचाने के लिए सेल्फ-डिफेंस सीखना जरूरी है। यह एक ऐसा हुनर है जिसे अधिकतर महिलाएं कभी नहीं सीखती या उन्हें सिखाया भी नहीं जाता है। सेल्फ-डिफेंस एक ऐसी ट्रेनिंग है जो हर महिला को कॉन्फिडेंस बढ़ाने में मदद करती है। यह उन्हें खुद को किसी भी खतरे से बचाने की ताकत और क्षमता देती है। जब किसी पर किसी भी तरह का हमला होता है, तो हमारे पास दो विकल्प होते हैं, या तो इससे लड़ें या इसके सामने समर्पण कर दें। ऐसे में सेल्फ डिफेंस का मतलब ये नहीं है कि आप उस स्थिति में जरूर लड़ें ही बल्कि, इसका मतलब है कि आप उस खतरनाक स्थिति से बचकर निकल सकें और खुद की सुरक्षा कर सकें।
इस अवसर पर मुख्याध्यापिका दुर्गेश बाला, ईश कुमार आर्य राज्य प्रभारी, भारत स्वाभिमान ट्रस्ट,हरियाणा, सोनम रानी, अंजु रानी, गीता रानी, कुमारी काजल, करिश्मा, मोहिनी, काजल, चंचल, अनामिका, अंशिका सहित अनेक छात्राएं उपस्थित रहीं।