हरियाणा के इतिहास में पहली बार हो रहा है जब 25 निर्दलीय उम्मीदवार एक साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे : सलीम सुलखनी
नलवा, जीन्द व टोहाना से उम्मीदवारों की घोषणा की, शेष उम्मीदवारों की घोषणा 30 को होगी - सलीम सुलखनी
एंटिक ट्रुथ | हिसार
इस बार हरियाणा विधानसभा चुनाव में 25 निर्दलीय उम्मीदवार एक साथ चुनावी मैदान में उतरेंगे। ये उम्मीदवार हरियाणा कांग्रेस पार्टी के समर्थित चुनाव लड़ेंगे। यह बात हरियाणा कांग्रेस पार्टी के संस्थापक एवं 2019 में लोकसभा उम्मीदवार रहे सलीम सुलखनी ने आज हिसार में एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए दी। उन्होंने बताया कि हरियाणा कांग्रेस पार्टी अभी चुनाव आयोग में अंडर प्रोसेस है। इसलिए उम्मीदवारों को निर्दलीय उतारने का फैसला लिया गया जो कि पार्टी के बैनर तले एकजुट होकर चुनाव लडऩे का काम करेंगे। सलीम सुलखनी ने बताया कि अभी प्रदेश की 90 सीटों में से 25 प्रमुख सीटों पर उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतारे जाएंगे जिसमें से 20 टिकट मुस्लिम समाज के लोगों को दी जाएगी तथा 5 अन्य समाज के लोगों को देकर 25 सीटों पर पूरी एकजुटता व ताकत के साथ चुनाव लड़ा जाएगा। उन्होंने तीन सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा भी की जिनमें टोहाना से रामनवाज खान, जीन्द से अमीत खान व नलवा से पूर्व में लोकसभा एवं विधानसभा प्रत्याशी रहे रणसिंह पंवार को हरियाणा कांग्रेस पार्टी के समर्थित और निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर उतारा जाएगा। शेष 22 सीटों के उम्मीदवारों की घोषणा आगामी 2 सितंबर को की जाएगी जिसके लिए मंथन व विचार-विमर्श जारी है। सलीम सुलखनी ने कहा कि यह हरियाणा के इतिहास में पहली बार हो रहा है जब 25 निर्दलीय उम्मीदवार एक साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे और इस बार हमारी एकजुटता हरियाणा की राजनीति में एक नया मोड़ लाने का काम करेंगे।
सलीम सुलखनी ने कहा कि प्रदेश की राजनीति में कभी मुस्लिम समुदाय के वोटों की गिनती होती ही नहीं थी और न ही उन्हें कोई राजनीति प्रतिनिधित्व आज तक मिला। सभी दल यही सोचते हैं कि इनके वोट कहां जाएंगे लेकिन हमने हरियाणा कांग्रेस पार्टी बनाकर समाज के सामने एक विकल्प रख दिया है जो प्रदेश की राजनीति में बड़ा बदलाव लाने का काम करेगा। लंबे समय से राजनीतिक उपेक्षा हो रही है अब वह नहीं चलेगी।
सलीम सुलखनी ने कहा कि जनता को ऐसा उम्मीदवार चुनना चाहिए जो कि उनके बीच का हो और उनकी समस्याओं को नजदीक से जानता हो जिसने जन समस्याओं को खुद झेला हो वही उन्हें दूर करवाने के लिए प्रयासरत्त होगा जिसने बेरोजगारी के लिए दर-दर की ठोकरें खाई हों उसी को रोजगार के महत्व और उसे युवाओं को दिलाने के बारे में पता होगा। इसी तरह बसों में धक्के खाकर, सरकारी अस्पतालों में राशन की लाइनों में खड़ा रहकर इसी सड़ी-गली व्यवस्था को करीब से देखा हो। उन्होंने कहा कि 5 साल बाद अब चुनाव हो रहे हैं तो लोगों को वर्तमान विधायक व पार्टियों से हिसाब मांगना चाहिए कि उन्होंने आम जनता के लिए किया क्या है? पीने का पानी, सडक़ें, बिजली, शिक्षा, स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधाएं तक लोगों को मिल नहीं पा रही फिर हमारे विधायक किस बात की पैरवी करते हैं। जो व्यवस्था को बदल नहीं सकते ऐसे उम्मीदवारों को हम क्यों चुनें। कांग्रेस हो या भाजपा किसी ने हालात व व्यवस्था बदलने का कोई काम नहीं किया और दशकों से वही सिस्टम चला आ रहा है। इसलिए इस बार बदलाव के लिए प्रदेश की जनता हरियाणा कांग्रेस पार्टी के समर्थित में चुनाव लडऩे वाले निर्दलीय उम्मीदवारों को विजयी बनाने का काम करेगी।