अंतर्राष्ट्रीय

जापान के भूकंप में 13 लोगों की मौत: एक और भूकंप की चेतावनी जारी

जापान के इशिकावा इलाके में एक और भूकंप की चेतावनी जारी की गई है

जापान के भूकंप में 13 लोगों की मौत:जगह-जगह आग लगने से 100 इमरातें तबाह; इशिकावा में एक और भूकंप की चेतावनी जारी

जापान के इशिकावा में नए साल के दिन आए 7.2 की तीव्रता के भूकंप में अब तक 13 लोगों की मौत हो चुकी है। जापान टुडे के मुताबिक प्रधानमंत्री फुमिया किशिदा ने कहा है कि भूकंप में मरने वालों की तादाद काफी ज्यादा है। किशिदा ने कहा कि जगह-जगह आग लगी है, इसमें 100 इमारतें जलकर खाक हो चुकी हैं।

जापान में मलबे में दबे लोगों को बचाने के लिए एक हजार सुरक्षा कर्मी जुटे हैं। समय कम है और ज्यादा लोगों की जान बचानी है। इशिकावा में 32,500 घरों में बिजली नहीं है। BBC के मुताबिक 19 अस्पतालों में भी बिजली नहीं होने की वजह से लोगों के इलाज में परेशानी आ रही है।

वहीं, जापान के इशिकावा इलाके में एक और भूकंप की चेतावनी जारी की गई है। जापान में सोमवार को पहली बार आए 7.6 तीव्रता के भूकंप के बाद 50 ऑफ्टरशॉक आए हैं। सभी की तीव्रता 3.4 से 4.6 के बीच रही।

भारतीय दूतावास ने इमेरजेंसी कंट्रोल रूम बनाया
भारतीय दूतावास ने भूकंप पीड़ितों की मदद के लिए इमरजेंसी कंट्रोल रूम बनाया है। सोशल मीडिया प्लटेफॉर्म ‘एक्स’ पर दी गई जानकारी के मुताबिक कोई भी शख्स यहां आकर मदद मांग सकता है। इससे पहले दूतावास ने ई-मेल आईडी और नंबर भी जारी किए थे। ये इस तरह हैं : + 81-80-3930-1715, + 81-70-1492-0049, + 81-80-3214-4734, + 81-80-6229-5382, + 81-80-3214-4722।

मरीजों तक नहीं पहुंच पा रहे डॉक्टर
भूकंप में घायल हुए लोगों को इलाज मिलना मुश्किल हो रहा है। इसकी वजह ये है कि भूकंप की वजह से ज्यादातर सड़कें टूट चुकी हैं और डॉक्टर्स प्रभावित जगहों पर नहीं पहुंच पा रहे हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक- जापान की एयरफोर्स के हेलिकॉप्टर्स अब डॉक्टर्स को प्रभावित इलाकों में पहुंचा रहे हैं। जरूरी सामान पहुंचाने में भी इसी वजह से दिक्कत आ रही है।

जापान में सुनामी का हाईएस्ट अलर्ट वापस
जापान में सोमवार को आए भूकंप के बाद यहां सुनामी आने की संभावनाएं जारी की गई थी। वाजिमा शहर में करीब 4 फीट ऊंची (1.2 मीटर) लहरें उठीं। हालांकि, सरकार ने मंगलवार सुबह सुनामी की वॉर्निंग वापस ले ली। समुद्र के किनारे पर रहने वालों से कहा गया है कि वो फिलहाल घर न लौटें, क्योंकि ऊंची लहरों का खतरा लौट भी सकता है।

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button