10 राज्यों में ट्रक-बस ड्राइवर्स की हड़ताल; ट्रांसपोर्ट सिस्टम ठप,पेट्रोल पंप पर लंबी कतारें
केंद्र सरकार द्वारा हिट एंड रन को लेकर लाए गए नए कानून के खिलाफ बस-ट्रक ड्राइवर हड़ताल पर हैं
हिट एंड रन कानून में ज्यादा सजा-जुर्माने का विरोध
हिट एंड रन मामले में कानून के नए प्रावधानों के विरोध में देशभर में ट्रक ड्राइवरों ने वाहन चलाने से इनकार कर दिया है। नतीजा, जगह-जगह भारी वाहन सड़कों पर खड़े हो गए हैं। इसके चलते पेट्रोल-डीजल, सब्जी जैसी अति आवश्यक वस्तुओं की आवाजाही पर असर दिख रहा है।
एमपी, राजस्थान, समेत 10 राज्यों से पेट्रोल-डीजल पंप ड्राई होने की खबरें हैं। यहां लोगों की लंबी कतारें देखी जा रही हैं। फल, सब्जी, दूध, कृषि के सामानों की सप्लाई प्रभावित हो रही है। कई जगह प्रशासन ट्रांसपोर्टर्स से संपर्क कर आपूर्ति बहाल करवाने में लगा है।
ऑल इंडिया ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के अध्यक्ष अमृतलाल मदान ने कहा, ‘अभी ट्रांसपोर्टर्स ने हड़ताल की घोषणा नहीं की है। इस पर फैसला मंगलवार को दिल्ली में होने वाली बैठक में होगा। अभी ड्राइवर खुद ही गाड़ियां छोड़कर उतर रहे हैं। दूसरों को भी चलाने नहीं दे रहे हैं।
मध्य प्रदेश में ज्यादा असर दिखा, इंदौर में करीब 900 बसें बंद
मध्यप्रदेश में ज्यादा असर है। मप्र में एसोसिएशन के पदाधिकारी विजय कालरा ने कहा, प्रदेश में छह लाख ट्रक हैं। डेढ़ लाख ट्रक दो दिन से खड़े हैं। औपचारिक ऐलान से स्थिति बिगड़ सकती है। ट्रांसपोर्ट कांग्रेस ने कहा, देश में 95 लाख ट्रक हैं। 30 लाख से ज्यादा का परिचालन नहीं हो रहा है।
इसके अलावा, एमपी, राजस्थान, महाराष्ट्र, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, गुजरात, छत्तीसगढ़, पंजाब, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में भी आज हालात बिगड़ सकते हैं।
भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर समेत अन्य शहरों के बस स्टैंड से बसें नहीं चल रही हैं। अकेले इंदौर में करीब 900 बसें बंद हैं। मध्यप्रदेश स्कूल बस सेवा संचालक समिति के अध्यक्ष शिवकुमार सोनी ने बताया कि मंगलवार को भी स्कूल बस और स्कूल वैन बंद रहेंगी। प्रदेश में कुल सवा लाख से अधिक स्कूल बसें और वैन चलती हैं। हड़ताल के चलते भोपाल के 5 स्कूलों में 2 जनवरी की छुट्टी कर दी गई है।
इस मामले में वो सबकुछ, जो आपको जानना जरूरी है
दरअसल केंद्र सरकार ने अपराध को लेकर नए कानून बनाए हैं, जिसके तहत अगर कोई ट्रक या डंपर चालक किसी को कुचलकर भागता है तो उसे 10 साल की जेल होगी. इसके अलावा 7 लाख रुपये जुर्माना भी देना होगा. पहले इस मामले में कुछ ही दिनों में आरोपी ड्राइवर को जमानत मिल जाती थी और वो पुलिस थाने से ही बाहर आ जाता था. हालांकि इस कानून के तहत भी दो साल की सजा का प्रावधान था.
1. हिट एंड रन कानून में क्या बदलाव किया गया है, किस बात का विरोध?
संसद से पारित और कानून बनी भारतीय न्याय संहिता में हिट एंड रन के मामलों में ‘लापरवाही से मौत’ में विशेष प्रावधान किए गए हैं। इसके अनुसार यदि चालक के तेज और लापरवाही से गाड़ी चलाने से मौत होती है और ड्राइवर पुलिस या मजिस्ट्रेट को सूचना दिए बिना भाग जाता है, तो 10 साल तक की कैद और 7 लाख रुपए जुर्माना।
2. अब तक क्या कानून है?
आईपीसी की धारा 279 (लापरवाही से वाहन चलाना), ड्राइवर की पहचान के बाद 304ए (लापरवाही से मौत) और 338 (जान जोखिम में डालना) के तहत दर्ज किया जाता है। इसमें दो साल सजा का प्रावधान है। वाहन चालक दुर्घटना के बाद भाग जाते थे।
3. ड्राइवरों की चिंता?
मौके पर रहे तो भीड़ के गुस्से का सामना करना पड़ सकता है
ट्रकों की हड़ताल का आम आदमी पर असर
इस हड़ताल का आम आदमी पर सीधा असर देखने को मिल सकता है। ट्रकों की हड़ताल होने से दूध, सब्जी और फलों की आवक नहीं होगी और कीमतों पर इसका सीधा असर देखने को मिलेगा। वहीं, पेट्रोल-डीजल की सप्लाई रुकने के आसार हैं, जिससे लोकल ट्रांसपोर्ट और आम लोगों को आवाजाही में दिक्कत हो सकती है।
भारत में 95 लाख से ज्यादा ट्रक हर साल 100 अरब किलोमीटर से ज्यादा की दूरी तय करते हैं। देश में 80 लाख से ज्यादा ट्रक ड्राइवर हैं, जो हर दिन जरूरत का सामान एक शहर से दूसरे शहर ट्रांसपोर्ट करते हैं। हड़ताल के कारण इतनी बढ़ी संख्या में ट्रकों के रुकने से जरूरी चीजों की किल्लत हो सकती है।