डायबिटीज एक लाइलाज बीमारी है, इसे कंट्रोल रखने के लिए क्या खाना चाहिए और क्या नहीं।
(WHO) के अनुसार, भारत में 18 वर्ष से अधिक आयु के 77 मिलियन लोग डायबिटीज (टाइप 2) से पीड़ित हैं
डायबिटीज एक गंभीर और तेजी से फैल रही बीमारी है। भारत में डायबिटीज के सबसे ज्यादा मरीज हैं। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) के अनुसार, भारत में 18 वर्ष से अधिक आयु के 77 मिलियन लोग डायबिटीज (टाइप 2) से पीड़ित हैं और लगभग 25 मिलियन लोगों को प्रीडायबिटीज है यानी इन्हें निकट भविष्य में डायबिटीज का खतरा है।
चिंता की बात यह है कि 50% से अधिक लोगों को पता ही नहीं है कि उन्हें डायबिटीज है और इसका सबसे बड़ा खतरा यह है कि अगर समय पर पता न लगाया जाए और उपचार न किया जाए तो कई स्वास्थ्य संबंधी जटिलताएं हो सकती हैं।
डायबिटीज से बचने के उपाय क्या हैं? डायबिटीज की रोकथाम या ब्लड शुगर को कंट्रोल रखने के लिए खाने-पीने का ध्यान रखना बहुत जरूरी है।
आयुर्वेद के अनुसार, दही की तासीर गर्म होती है (ठंडी नहीं, जैसा आप सब मानते हैं)। यह पचने में भारी (गुरु) और प्रकृति में पतला (चिपचिपा) होता है। यह शरीर में कफ दोष को बढ़ाता है (जब कफ बढ़ता है, तो आपका वजन अधिक बढ़ जाता है, आपका चयापचय खराब हो जाता है और आप आलसी हो जाते हैं)। कफ बढ़ने से पोषण की कमी हो सकती है और यहां तक कि कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स भी बढ़ सकते हैं। इसलिए डायबिटीज वाले लोगों के लिए दही से परहेज करना सबसे अच्छा है। दही के स्थान पर कभी-कभी छाछ (अधिक पानी से तैयार) का सेवन किया जा सकता है।
हम सभी जानते हैं कि चीनी से परहेज करना चाहिए, लेकिन क्या आप जानते हैं कि चीनी के बराबर या अधिक मात्रा में गुड़ का सेवन करने से चीनी में बढ़ोतरी हो सकती है, जिससे यह डायबिटीज के रोगियों के लिए एक अस्वास्थ्यकर विकल्प बन सकता है? हां यह सच है। गुड़ चीनी की तुलना में 100% स्वास्थ्यवर्धक है क्योंकि चीनी के विपरीत, गुड़ बिना रसायनों के प्राकृतिक प्रक्रिया से बनाया जाता है और पोषण से भरपूर होता है। इसलिए आपको गुड़ का सेवन अवश्य करना चाहिए, लेकिन इसे सीमित मात्रा में ही खाना चाहिए।
डायबिटीज से पीड़ित लोगों के हाई ब्लड प्रेशर से प्रभावित होने की अधिक संभावना होती है, जिससे हार्ट डिजीज, स्ट्रोक, किडनी डिजीज आदि का खतरा बढ़ जाता है। नमक का सेवन ब्लड शुगर को प्रभावित नहीं करता है। लेकिन नमक की जगह सेंधा नमक/हिमालयी गुलाबी नमक खाने से आपको हाई बीपी, हृदय रोग और अन्य डायबिटीज संबंधी जटिलताओं को रोकने या नियंत्रित करने में मदद कर सकता है।
डायबिटीज के रोगियों के लिए खाने योग्य खाद्य पदार्थ:
1. हरी सब्जियां: हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे कि पालक, मेथी, और ब्रोकोली फाइबर और पोषक तत्वों से भरपूर होती हैं, जो रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करते हैं।
2. फल: जामुन, सेब, और अमरूद जैसे फल फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं, जो रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने और हृदय स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करते हैं।
3. साबुत अनाज: साबुत अनाज जैसे कि जौ, ओट्स, और बाजरा फाइबर और पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं, जो रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने और पाचन स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करते हैं।
4. फलियां: दालें, राजमा, और छोले जैसे फलियां फाइबर और प्रोटीन से भरपूर होते हैं, जो रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने और आपको लंबे समय तक तृप्त रखने में मदद करते हैं।
5. नट्स और बीज: बादाम, अखरोट, और चिया बीज जैसे नट्स और बीज फाइबर, स्वस्थ वसा, और पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं, जो रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने और हृदय स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करते हैं।
डायबिटीज के रोगियों के लिए खाने से परहेज:
1. मीठे पदार्थ: मिठाई, चॉकलेट, और शीतल पेय जैसे मीठे पदार्थ रक्त शर्करा के स्तर को तेजी से बढ़ा सकते हैं।
2. प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ: पिज्जा, बर्गर, और फ्रेंच फ्राइज़ जैसे प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ कैलोरी और वसा में उच्च होते हैं, और रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करना मुश्किल बना सकते हैं।
3. तले हुए खाद्य पदार्थ: तले हुए खाद्य पदार्थ वसा में उच्च होते हैं और रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करना मुश्किल बना सकते हैं।
4. सफेद चावल और सफेद ब्रेड: सफेद चावल और सफेद ब्रेड में फाइबर की मात्रा कम होती है और रक्त शर्करा के स्तर को तेजी से बढ़ा सकते हैं।
5. अत्यधिक मात्रा में शराब: अत्यधिक मात्रा में शराब रक्त शर्करा के स्तर को कम कर सकती है और स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकती है।
याद रखें:
- नियमित व्यायाम करें।
- स्वस्थ वजन बनाए रखें।
- पर्याप्त नींद लें।
- तनाव कम करें।
डायबिटीज के रोगियों के लिए एक आहार योजना बनाना महत्वपूर्ण है।
यह सलाह दी जाती है कि आप अपने डॉक्टर या आहार विशेषज्ञ से बात करें ताकि आपके लिए एक व्यक्तिगत आहार योजना बनाई जा सके।