सरकार अपनी मनमानी से हजारों प्राईवेट स्कूलों को लगाने जा रही ताला : अनिल शर्मा सातरोडिय़ा
सरकार अपनी मनमानी से हजारों प्राईवेट स्कूलों को लगाने जा रही ताला : अनिल शर्मा सातरोडिय़ा
हिसार 7 फरवरी : एमआईएस पोर्टल पंजीकृत प्राइवेट स्कूल संघ हरियाणा अध्यक्ष अनिल शर्मा सातरोडिय़ा ने कहा कि हरियाणा सरकार के शिक्षा मंत्रालय की मनमानी से सैकड़ों स्कूल जो कि पिछले कई सालों से एक्सटेंशन एवं परमिशन पर कक्षा दसवीं एवं बारहवीं कक्षा तक अपने स्कूलों में छात्रों को बहुत ही कम पैसों में अच्छी शिक्षा देने का काम कर रहे थे। सरकार ने इस वर्ष अपनी मनमानी करते हुए अस्थाई मान्यता प्राप्त स्कूलों की श्रेणी अलग बनाते हुए एग्जिस्टिंग एवं परमिशन प्राप्त स्कूलों को 31 मार्च 2024 तक स्कूल चलाने की अनुमति के लिए दो लाख रुपए की बांड राशि जमा करवाने के लिए कहा है जो कि स्कूल संचालकों के लिए असम्भव था।
अनिल शर्मा सातरोडिय़ा ने बताया कि जिन स्कूलों ने दो लाख बांड राशि जमा नहीं कि उन स्कूलों के दसवीं एवं बारहवीं कक्षा में पढऩे वाले बच्चों को नजदीक के सरकारी स्कूलों में तब्दील करते हुए हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के द्वारा बोर्ड परीक्षा लेने का निर्णय शिक्षा निदेशालय द्वारा लिया जा चुका है। इस निर्णय से सरकार ने इन स्कूलों को बंद करने का ही नहीं बल्कि लाखों शिक्षित एवं अशिक्षित लोगों को बेरोजगार करने का भी मन बना लिया है। अनिल शर्मा ने कहा कि हरियाणा सरकार द्वारा एम आई एस पोर्टल एवं यू डाईस कोड पर पंजीकृत स्कूल, अस्थाई मान्यता प्राप्त, एग्जिस्टिंग सूची, परमिशन प्राप्त स्कूल जो कि सभी शिक्षा निदेशालय द्वारा जारी किए गए यू डाईस कोड, एम आई एस कोड एवं विभागीय कोड के साथ हजारों हजार स्कूल समानता के साथ वर्ष 2011 से पहले से चलाए जा रहे हैं।
सातरोडिय़ा ने कहा कि सरकार को एक बार फिर से इन सभी श्रेणियों के स्कूलों का विभागीय अधिकारियों द्वारा निरीक्षण करवाया जाना चाहिए। सरकार को आर टी ई के तहत एक कमरा- एक कक्षा नियमावली लागू करते हुए उपरोक्त सभी श्रेणियों के स्कूलों को 31 मार्च 2024 से पहले स्थाई मान्यता देने का कार्य करना चाहिए ताकि गरीब घरों के बच्चों को अच्छी शिक्षा मिलती रहे और लाखों ऐसे शिक्षित एवं अशिक्षित लोग जिनको सरकार रोजगार नहीं दे सकती उनका रोजगार बच सके।