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What is Color Smoke: शरीर पर इससे कैसा नुकसान हो सकता है?

कलर स्मोक बम और सेहत:

कलर स्मोक बॉम्ब एक यंत्र है जो सक्रिय होने पर विशिष्ट रंग के धुंआ छोड़ता है। इन यंत्रों का उपयोग विभिन्न उद्देश्यों के लिए किया जाता है, जैसे कि फोटोग्राफी, चलचित्रों में विशेष प्रभाव, सैन्य अभ्यास, और पेंटबॉल या एयरसॉफ्ट जैसी आनंदमय गतिविधियों के लिए। कलर स्मोक बॉम्ब सामान्यत: छोटे होते हैं

कलर स्मोक बम और सेहत:

  1. धूम्रपान का खतरा: कलर स्मोक बम्स का इस्तेमाल करने से उच्च तापमान और धूम का उत्पन्न होना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। धूम में मौजूद रासायनिक तत्व अवायुमंडल में मिल सकते हैं और साँस लेने में कठिनाई पैदा कर सकते हैं।
  2. धूप के रंग और उनके आसपासी प्रभाव: धूप के रंग को उत्पन्न करने के लिए उपयोग किए जाने वाले रासायनिक तत्व हो सकते हैं जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकते हैं। इसमें किसी विशेष रंग की धूप के कारण आंखों या त्वचा में इर्रिटेशन हो सकता है

अक्सर आपने देखा होगा कि प्रदर्शनों में, होली में या फिर किसी तरह के विरोध में लोग कलर स्मोक (Color Smoke) का इस्तेमाल करते हैं. जैसे लोग जन्मदिन में पार्टी पॉपर (Party Popper) फोड़ते हैं. जो कलर स्मोक संसद में मिला है, वह आसानी से किसी भी बर्थडे गिफ्ट स्टोर पर मिल जाता है. कीमत भी बहुत ज्यादा नहीं होती. साइज के हिसाब से कीमत. या फिर क्वालिटी के हिसाब से.

मुद्दा ये है कि ये बनता कैसे है? इसे बनाने के दो तरीके हैं. एक आम नागरिकों के इस्तेमाल के लिए. दूसरा सैनिकों के लिए. सैनिकों के लिए ये कलर स्मोक रेस्क्यू मिशन में काम आता है. या फिर मिशन पूरा होने के बाद अपने हेलिकॉप्टर या जहाज को ये बताने के लिए उनकी टीम किस जगह पर है. या फिर एयरशो के दौरान एक्रोबेटिक विमानों से निकलने वाले अलग-अलग रंग. ये कलर स्मोक कई रंगों में आते हैं

सेना के लिए इस्तेमाल किया जाने वाले कलर स्मोक को आमतौर पर पोटेशियम क्लोरेट ऑक्सीडाइजर, लैक्टोस या डेक्सट्रिन को ईंधन के तौर पर, डाई (जिस रंग की चाहिए), इसके अलावा सोडियम बाइकॉर्बोनेट ताकि कलर स्मोक को ठंडा किया जा सके. क्योंकि जब ये फूटता है, तब ये गर्म होता चला जाता है. इससे हाथ जलने की आशंका रहती है.

आम नागरिकों के लिए भी बनता है स्मोक बम

आम नागरिकों के लिए जो कलर स्मोक इस्तेमाल होता है, उसमें पोटैशियम नाइट्रेट, चीनी, बेकिंग सोडा, ऑर्गेनिक डाई, कार्डबोर्ड ट्यूब, डक्ट पाइप, पेन या पेंसिल, आतिशबाजी का फ्यूज, रूई की गेंद और सॉसपैन की जरूरत पड़ती है. ये आसानी से घर पर भी बनाया जा सकता है. लेकिन ये करने की सलाह न सरकार देती है. न ही कोई निजी संस्था..

कलर स्मोक से शरीर पर पड़ने वाला असर अगर आप सीधे तौर पर कलर स्मोक के संपर्क में आते हैं, तो आपको सांस लेने में तकलीफ हो सकती है. आवाज खराब हो सकती है. सांस तेज या धीमी हो सकती है. कफ बन सकता है. ज्यादा देर तक संपर्क में रहने पर नाक से खून भी आ सकता है. इसकी वजह से पल्मोनरी इडेमा यानी फेफड़ों में पानी जमा हो सकता है. शरीर की त्वचा का रंग बदल सकता है. ये कैंसर पैदा करने की वजह भी बन सकते हैं.

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