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तलवंडी राणा रोड को लेकर दिए गए भ्रामक व बेबुनियाद बयान को तुरंत वापिस लें मंत्री कमल गुप्ता

ग्रामीण शुरू से ही कर रहे हैं 5.2 कि.मी. के रोड की मांग, अब अतिरिक्त मांग जोडऩे की बात कहकर कमल गुप्ता नए विवाद को जन्म दे रहे

एंटिक ट्रुथ | हिसार

तलवंडी राणा व आसपास के  दर्जनों गांवों के ग्रामीणों ने आज हरियाणा सरकार के मंत्री डॉ. कमल गुप्ता द्वारा तलवंडी राणा को लेकर दिए गए भ्रामक, बेबुनियाद व गुमराह करने वाले गलत बयान को लेकर एक बैठक की। तलवंडी राणा रोड बचाओ संघर्ष समिति के अध्यक्ष एडवोकेट ओ.पी. कोहली ने बताया कि ग्रामीणों में रोड को लेकर दिए गए बयान के प्रति गहरा रोष है और धरने पर सभी ने इसका कड़ा विरोध जताया। मंत्री के इस बयान ने पहले से ही सरकार से खफा ग्रामीणों के विरोध की आग में घी डालने का काम किया है। कोहली ने बताया कि सोमवार को एक प्रेस वार्ता में जब मंत्री डॉ. कमल गुप्ता से पत्रकारों ने तलवंडी राणा संबंधी सवाल पूछा तो उन्होंने तपाक से जवाब दिया कि हम रोड तो ग्रामीणों को बनाकर दे चुके हैं। जब पत्रकारों ने रोड की मांग पर ग्रामीणों के धरने पर बैठे होने की बात कही और 3 कि.मी. का रोड दिए जाने की बात सामने आई तो मंत्री कमल गुप्ता इससे साफ मुकर गए। उन्होंने कह दिया कि लोकतंत्र में सभी को धरने पर बैठने का अधिकार है और पहले से जो मांग चली आ रही है उसमें अपनी मांग जोडऩे का अधिकार भी है। जबकि ग्रामीण शुरू से ही 5.2 कि.मी. का स्थायी रोड दिए जाने की मांग कर रहे हैं जो मीडिया में भी बार-बार प्रकाशित हो चुका है।
कोहली ने बताया कि मंत्री डॉ. कमल गुप्ता के इस बयान से ग्रामीण काफी नाराज हैं। उन्होंने कहा कि ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि या तो डॉ. कमल गुप्ता तुरंत अपने कहे हुए शब्द वापिस ले नहीं तो ग्रामीण उनके जोरदार विरोध की रणनीति बनाएंगे। कोहली ने बताया कि कुछ समय पहले जब डॉ. कमल गुप्ता धरने के पास से गुजर रहे थे तो ग्रामीणों ने उनके सामने 3 कि.मी. का रोड दिए जाने की मांग रखी थी उस समय उन्होंने स्पष्ट कहा था कि ग्रामीणों की मांग जायज है और मैं भी इस पक्ष में हूं कि ग्रामीणों को पूरा स्थायी रोड दिया जाना चाहिए जिसकी वीडियो रिकॉर्डिंग भी ग्रामीणों के पास सबूत के तौर पर मौजूद है। ग्रामीणों ने कहा कि उन्हें इस बात से भी नाराजगी है कि उसी प्रेस कांफ्रेंस में लोकसभा उम्मीदवार रणजीत चौटाला व बरवाला से विधायक का चुनाव लड़ चुके सुरेंद्र पूनिया भी थे उन्होंने भी इस बात पर अपना पक्ष नहीं रखा। जबकि रणजीत चौटाला कुछ दिन पूर्व ही धरने पर आकर यह बोलकर गए थे अभी तो आचार संहिता है आचार संहिता हटते ही आप लोगों का रोड का काम करवा देंगे। वहीं सुरेंद्र पूनिया में तलवंडी राणा के ग्रामीणों ने उन चुनावों में गांव से भारी मतों से जीताकर भेजा था वे भी इस मामले में चुप ही रहे।
समिति अध्यक्ष ने कहा कि सरकार ने एक तो पहले इस रोड को दो टुकड़ों में बांटकर ग्रामीणों के साथ धोखा किया है। अब मंत्री डॉ. कमल गुप्ता ने गलत बयानी करके पिछले 14 महीने से स्थायी रोड की मांग पर बैठे ग्रामीणों के जख्मों पर नमक छिडक़ने काम किया है। उन्होंने बताया कि जिस सडक़ का मंत्री जी बार-बार जिक्र कर रहे हैं उसे जिस पुरानी सडक़ के साथ जोड़ा गया है वह पहले ही हवाई अड्डे की तीसरी पट्टी में आ चुका है। कुछ दिन बार उसे भी पहले रोड की तरह उखाड़ दिया जाएगा। रोड के इस 2.2 टुकड़े में से 16 मरले की भूमि पर डीसीएम मिल भी अपना हक जता चुका है और सरकार व उसके मंत्री इसे लेकर झूठी वाहवाही लूटने में लगे हुए हैं।
कोहली ने बताया कि डीएसएम मिल इस मामले को लेकर स्टेट, रोड ठेकेदार व पुलिस प्रशासन के खिलाफ माननीय पंजाब एंड हरियाणा कोर्ट में जा चुकी है और उच्च न्यायालय ने इस रोड पर 24 अप्रैल तक स्टे दे रखा है। मंत्री जी को तो इस बात की जानकारी तक नहीं है।

हमारी मांग जो कि हम शुरू से उठाते आए हैं कि इस 2.2 कि.मी. की सडक़ को हवाई अड्डे की बाहरी दीवार के साथ-साथ राणा माइनर व धांसू गैस प्लांट तक 3 कि.मी. की ओर सडक़ बनाकर दी जाए ताकि इस समस्या का स्थायी समाधान हो सके। उन्होंने कहा कि ए.सी. कमरे में कुछ भी बोल देना अलग बात है और 14 महीने तक सर्दी, गर्मी, बरसात व हर हालत में धरने पर बैठना अलग बात है। मंत्री जी एक भी दिन धरने पर आकर बैठे तो उन्हें ग्रामीणों की परेशानियों का पता चले। उन्होंने ग्रामीणों के संघर्ष की जो अनदेखी की है वह गलत व नाजायज है। ग्रामीणों ने धरने पर फैसला लिया है कि या तो मंत्री डॉ. कमल गुप्ता अपने बयान वापिस लें नहीं तो ग्रामीण के उनके खिलाफ क्या रणनीति बनानी है इसका फैसला ग्रामीण जल्द ही लेंगे।

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