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अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव चलते आज पवित्र ब्रह्मसरोवर के पुरुषोत्तमपुरा बाग में पहुचेंगे: केंद्रीय गृह मंत्री

शहर में धारा 144 के आदेश जारी

कुरुक्षेत्र (हरियाणा)

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के आगमन को लेकर जिलाधीश शांतनु शर्मा ने धारा 144 के तहत आदेश जारी किए हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के कार्यक्रम के चलते पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर व गुप्तचर विभाग के एडीजीपी आलोक मित्तल सहित प्रशासनिक अधिकारियों ने सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया।

अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव चलते आज पवित्र ब्रह्मसरोवर के पुरुषोत्तमपुरा बाग में संत सम्मेलन का आयोजन होगा, जिसमें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह मुख्य तौर पर शिरकत करेंगे। वहीं, गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद सहित देश-विदेश के संत भी जुटेंगे, जो गीता के मर्म पर मंथन करेंगे। सभी विद्ववान लोग पवित्र ग्रंथ गीता के उपदेशों को लेकर विचार-विमर्श साझा करेंगे और आने वाली पीढ़ी तक पवित्र ग्रंथ गीता के उपदेशों को पहुंचाने के मार्ग को प्रशस्त करेंगे।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के कार्यक्रम के चलते पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर व गुप्तचर विभाग के एडीजीपी आलोक मित्तल सहित प्रशासनिक अधिकारियों ने सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। दोपहार एक बजे शुरू होने वाले संत सम्मेलन से पहले केंद्रीय गृह मंत्री गीता ज्ञान संस्थानम के जीओ संग्रहालय का अवलोकन भी करेंगे। इन कार्यक्रमों में सुरक्षा-व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।

केंद्रीय गृह मंत्री के आने के चलते धारा 144 के तहत जारी किए आदेश

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के आगमन को लेकर जिलाधीश शांतनु शर्मा ने धारा 144 के तहत आदेश जारी किए हैं।  वीआईपी मार्ग व उसके आसपास 100 मीटर के दायरा तक सडक़ के दोनों तरफ कोई भी वाहन खड़ा ना हो, वीआईपी मार्ग के 100 मीटर की परिधी के क्षेत्र में पांच इससे अधिक व्यक्तियों के एकत्रित होने, लाठी-डंडे, तलवार, गंडासी, आग्नेय शस्त्र व अन्य किसी प्रकार के घातक हथियार लेकर चलने, खुला पेट्रोल, डीजल की बोतल, कैन पर पूर्णत प्रतिबंध, हैलीपेड स्थल, वीआईपी मार्ग के कार्यक्रम स्थल तथा आसपास ड्रोन/ग्लाईडर उड़ाने, कार्यक्रम स्थल के 500 मीटर के दायरे और मार्गों के दोनों तरफ किसी भी प्रकार के धरना प्रदर्शन करने पर पूर्णत: प्रतिबंध रहेगा।

क्या है धारा 144 ?

“धारा 144” भारतीय कानूनी प्रक्रिया संहिता, 1973 की एक धारा है जो आपत्ति की स्थिति में स्थानीय प्रशासन को सुरक्षा के उद्देश्य से ऐसा करने का अधिकार देती है। इसे “क्रिमिनल प्रोसीजरी कोड” के तहत जाना जाता है।

धारा 144 का प्रमुख उद्देश्य लोगों को सुरक्षित रखना और आपत्ति की स्थिति में हानिकारक घटनाओं को रोकना है। इसे प्रशासनिक निर्णय के रूप में जारी किया जाता है और यह एक क्षेत्र में एकाधिक व्यक्तियों के एकत्र करने, अधिकारों की प्रतिबंधितता का आदेश देने या शांति बनाए रखने की प्रक्रिया को स्थापित कर सकता है।

धारा 144 के तहत आदेश जारी करने वाले प्राधिकृत अधिकारी को अपने क्षेत्र में यह सुनिश्चित करना होता है कि लोग उस इलाके में समाज में शांति और अनुकूल वातावरण को बनाए रखें। इस धारा के उल्लंघन करने पर दंड भी हो सकता है।

धारा 144 का आदेश आमतौर पर असंबंधित लोगों के सभी स्थानों पर लागू किया जा सकता है और यह सीमित समय के लिए हो सकता है, जिसका पालन करना अनिवार्य होता है।

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