यदि सरकार ने टोल दरें बढ़ाने का फैसला नहीं लिया तो हिसार संघर्ष समिति पूरे प्रदेश में चलाएगी आंदोलन : जितेंद्र श्योरण
हिसार संघर्ष समिति ने 1 अप्रैल से टोल की दरें बढ़ाए जाने का जताया कड़ा विरोध
एंटिक ट्रुथ | हिसार
हिसार संघर्ष समिति के अध्यक्ष जितेंद्र श्योराण ने 1 अप्रैल से टोल की दरें बढ़ाए जाने का विरोध जताते हुए इसे आम आदमी की जेब पर डाका बताया। उन्होंने जिला उपायुक्त को एक पत्र सौंपकर टोल दरें न बढ़ाने और जो टोल दूरी की सीमा के नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं उन्हें हटाए जाने की मांग उठाई। जितेंद्र श्योराण ने बताया कि नियमानुरसार दो टोल के बीच की दूरी 60 कि.मी. होनी चाहिए जबकि हिसार शहर के चारों ओर जो टोल हैं वे इस नियम का पालन नहीं कर रहे और आम जन से इन टोल नाकों के माध्यम से अवैध वसूली की जा रही है।
श्योराण ने बताया कि हिसार शहर को चारों तरफ से टोल नाकों ने घेर रखा है और कहीं भी जाने के लिए लोगों को टोल की भारी-भरकम राशि चुकानी पड़ती है। हमें ज्ञात हुआ है कि सरकार 1 अप्रैल से टोल का शुल्क और बढ़ा रही है जो कि आम जन के साथ सरासर ज्यादती और उस पर अलग से आर्थिक मार है। इन टोल के रेट पहले से ही काफी अधिक है यदि इन्हें और बढ़ा दिया गया तो आमजन की अधिकतर कमाई तो टोल का शुल्क अदा करने में ही चली जाएगी। लोगों पर इन टोल नाकों का अत्यधिक भार सरासर गलत एवं नाजायज तरीके से डाला जा रहा है।
जितेंद्र श्योराण ने ये टोल रेट बढ़ाए जाने की वजह भी प्रशासन से पूछी है। इसके साथ ही हर टोल नाके की निर्धारित समयावधि कब से कब तक टोल रहेगा का सूचना पट्ट लगवाया जाना चाहिए और जो 60 किलोमीटर एक टोल से दूसरे टोल की दूरी होनी चाहिए वह भी हिसार शहर के चारो टोल नाकों पर पूरी तरह फीट नहीं बैठती है। इन नाकों की एक दूसरे से दूरी 40 से 50 किलोमीटर ही बनती है, उसके आधार पर इनको हटाया जाना चाहिए।
समिति अध्यक्ष ने कहा कि वे पहले भी कई सरकार एवं प्रशासन को इस बारे में अवगत करवा चुके हैं लेकिन कागजी कार्यवाही के सिवाए कुछ नहीं हुआ। इससे ऐसा प्रतीत होता है इस तरह के फरमान लागू करके सरकार आम आदमी से चुनावी चन्दे के रूप में टोल टैक्स वसूल करना चाहती है। उन्होंने कहा कि सरकार के इस कदम का हम हिसार एवं प्रदेश वासी पुरजोर विरोध करते हैं। यदि जल्द ही अगर बढ़े हुए रेटों को वापिस नहीं लिया गया और अतिरिक्त टोल नाकों को नियमानुसार नहीं हटाया गया तो समिति पूरे प्रदेश में इसके खिलाफ जन आंदोलन खड़ा करेगी जिसकी सारी जिम्मेवारी शासन एवं प्रशासन की होगी।