चंडीगढ़
नगर निगम के मेयर की चेयर कौन करेगा चीयर्स,तीन पार्टियों में कांटे की आमने-सामने की टक्कर
भारतीय जनता पार्टी का एक प्रत्याशी, कांग्रेस आई के दो और आम आदमी पार्टी के चार प्रत्याशी महापौर की कुर्सी के दंगल में दांव खेलने को तैयार हैं।
एंटिक ट्रुथ | आर के विक्रमा शर्मा (चंडीगढ़)
नगर निगम चंडीगढ़ के महापौर के चुनाव के लिए तीनों मुख्य राजनीतिक पार्टियां एक बार फिर त्रिकोणे मुकाबला लेकर मैदान में डटी हैं। इस मर्तबा महापौर की कुर्सी पर काबिज होने वाले प्रत्याशी का अनुसूचित जाति के लिए पद आरक्षित है। भारतीय जनता पार्टी का एक प्रत्याशी, कांग्रेस आई के दो और आम आदमी पार्टी के चार प्रत्याशी महापौर की कुर्सी के दंगल में दांव खेलने को तैयार हैं।
मुख्य आकर्षण यह है कि इस बार भारतीय जनता पार्टी की हैट्रिक न बनने पाए। इसके लिए कांग्रेस आई और आम आदमी पार्टी कमर कसे हुए हैं। वहीं, राजनीतिक दांव-पेंच में दिल्ली बैठे आला आका भाजपा के कब्जे में कुर्सी बहाल रखेंगे। इसमें भी कोई दो राय नहीं है। भारतीय जनता पार्टी के पास अनुसूचित जाति का एक ही मनोज कुमार वार्ड नंबर 07 का प्रत्याशी है शिक्षा के मामले में यह 07 कक्षा पास है। राजनीति का अनुभव कुछ ज्यादा नहीं है लेकिन पार्टी के आका पृष्ठ भूमि में हाथ थामे हुए हैं।
कांग्रेस आई के पास इस दौड़ में दो प्रत्याशी हैं। वार्ड नंबर 24 से जसवीर सिंह बंटी और वार्ड नंबर 28 से निर्मला देवी। इन दोनों की शिक्षा की बात करें, तो निर्मला देवी महज अंडर मैट्रिक है। और जसवीर सिंह बंटी टैक्सटाइल केमेस्ट्री का डिप्लोमा लिए हुए हैं। आम आदमी पार्टी के लिए उसके अपने ही चारों अनुसूचित जाति के प्रत्याशी सिर दर्दी का सबब बन सकते हैं। ऐसा चंडीगढ़ की जनता सोचती है। पिछली बार मेयर के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने आम आदमी पार्टी को गठन करने की स्थिति में भी पटखनी दे दी थी। और अपनी महिला सरबजीत कौर उम्मीदवार को महापौर की कुर्सी पर बिठाया था।
आम आदमी पार्टी प्रत्याशी
आम आदमी पार्टी के दो महिला और दो पुरुष अनुसूचित जाति के प्रत्याशी दौड़ में हैं ।वार्ड नंबर 31 से लखबीर सिंह महज नवमी कक्षा पास वार्ड नंबर 19 से नेहा बी ए बी एड पास है। और वार्ड नंबर 26 से कुलदीप कुमार प्लस टू पास प्रत्याशी है। और वार्ड नंबर 16 से पूनम प्रत्याशी है। चारों उम्मीदवारों में से किसको महापौर की कुर्सी पर बिठाया जाए,पार्टी के लिए यह टेढ़ी खीर है। इसलिए आम आदमी पार्टी के दिल्ली तक बैठे सियासतदान खूब माथा पच्ची करते हुए तीनों सीटों पर बोले तो मेयर व सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर पर दांव खेलेगी। ताकि मेयर की कुर्सी भी ना जाए। और क्रॉस वोटिंग भी न होने पाए।
गुफ्तगू के दौर में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस आई को स्थानीय जनता एक ही थैली के चट्टे बट्टे मानती है। इसलिए मेयर की कुर्सी उनकी दूरदर्शिता और आपसी तालमेल से इनके कब्जे में रह भी सकती है। लेकिन दिल्ली में बैठे मोदी शाह कुशल राजनीतिज्ञ को मात देने में लोगों के मुताबिक आम आदमी पार्टी और कांग्रेस आई खिसियानी बिल्ली से ज्यादा मायने नहीं रखते हैं। कांग्रेस आई के दिग्गज इस मर्तबा पासा पलटना नहीं देना चाहते हैं। हर दांव खेलने के लिए जुगत जुगाड़ बैठाने में मशगूल हो चुके हैं।
कांग्रेस आई के दोनों प्रत्याशियों की बात करें, तो निर्मला देवी से जसवीर सिंह बंटी कहीं ज्यादा अनुभवी और एजुकेटेड माना जाता है। समाज सेवा और अपने वार्ड के साथ-साथ पार्टी के कामों में भी उसकी भागीदारी और सक्रियता किसी से छिपी हुई नहीं है। अपने वार्ड में जसवीर सिंह बंटी की गतिविधियां उसे महापौर की कुर्सी पर बैठने से मोहताज नहीं करेंगी ।
पार्टियों की साख दांव
यहां तीनों पार्टियों की साख दांव पर है। कांग्रेस आई और आम आदमी पार्टी का गठबंधन महापौर की कुर्सी के लिए होना टेढ़ी खीर नहीं है। लेकिन लोकसभा चुनाव में दोनों का 36 का आंकड़ा विचित्र ही परिस्थितियों को जन्म दे सकता है। दोनों पार्टियां इसलिए भी फूंक फूंक कर कदम रख रही हैं। अंदर खाते दोनों भाजपा को भी चित करने का मौका नहीं चूकना चाहती हैं।
मजेदार बात तो यह है कि
चंडीगढ़ में बैठे पुराने बुजुर्ग राजनीतिज्ञ अपनी-अपनी पार्टी के सदस्यों को एक मत करने का दमखम भी नहीं रखते हैं। इसीलिए तीनों पार्टियों की निगाहें दिल्ली में बैठे पार्टियों के आकाओं पर टिकी हुई भी हैं। और निर्भर भी करती हैं।
स्थानीय जनता को हर बार की तरह अचानक ही चमत्कार होने की उम्मीद भी पूरी बंधी हुई है। शहर की जानी-मानी हुई जालंधर स्वीट्स का कुशल कारीगर एक बड़ी पार्टी के कार्यालय में लड्डू का आर्डर लेने के लिए कई बार चक्कर काटता हुआ देखा गया है।