हरियाणा

414 दिनों से धरने पर डटे ग्रामीणों की नई सरकार से मांग, 3 कि.मी. का रोड देकर करें ग्रामीणों की समस्या का स्थायी समाधान

मुख्यमंत्री नायब सैनी से आशा है कि वे ग्रामीणों की समस्या का हल करेंगे : ओ.पी. कोहली

एंटिक ट्रुथ | हिसार

तलवंडी राणा चंडीगढ़ बाई पास पर ग्रामीणों के धरने को 414 दिन हो गए हैं। तलवंडी राणा रोड बचाओ संघर्ष समिति के अध्यक्ष एडवोकेट ओ.पी. कोहली ने बताया कि धरने को लगभग 14 माह होने को हैं लेकिन अभी तक ग्रामीणों को 3 कि.मी. का बाकी बचा रोड एयरपोर्ट की बाहरी दीवार के साथ-साथ धांसु गैस प्लांट तक, नहीं दिया गया है। लंबे समय से हम इसकी मांग कर रहे हैं क्योंकि यह रोड बनने के बाद ही इस समस्या का स्थायी समाधान होगा। 2.2 कि.मी. की जो सडक़ सरकार ने बनाकर दी है उसे अभी पुराने तलवंडी राणा रोड से ही जोडक़र खानापूर्ति की गई है लेकिन यह पुरानी सडक़ हवाई अड्डे की तीसरी पट्टी में आ चुकी है और इस पर भी थोड़े समय बाद ही सरकार द्वारा पीला पंजा चला दिया जाएगा।
कोहली ने बताया कि पूर्व उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने ग्रामीणों को 2.2 कि.मी. का आधा-अधूरा रोड दिया था। इसी तरह पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने भी ग्रामीणों को एक माह में रोड बनाकर देने का वादा जनसभा में किया था लेकिन दोनों ने ही ग्रामीणों की स्थायी रोड की मांग व समस्या को दूर नहीं करवाया। कोहली ने कहा कि अब हमें प्रदेश की नई सरकार व मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से उम्मीद है कि वे ग्रामीणों को 3 कि.मी का रोड एयरपोर्ट की बाहरी दीवार के साथ-साथ धांसु गैस प्लांट तक देकर हमारी समस्या का स्थायी समाधान करेंगे। ग्रामीणों को नई सरकार व मुख्यमंत्री नायब सैनी से से बड़ी आशा है कि वे उनकी मांग को पूरा करेंगे। यदि सरकार ने इस ओर ध्यान नहीं दिया तो इस रोड पर पडऩे वाले दर्जनों गांवों के वोटों का सीधा असर सरकार को विधानसभा व लोकसभा में देखने को मिलेगा।
उन्होंने बताया कि वर्तमान तलवंडी राणा रोड बंद हो जाने से इस 3 कि.मी. के रोड के बनने पर जितना खर्च आना था उससे अधिक का लोगों का पेट्रोल, डीजल व किराया लग चुका है। इसके अलावा इस रोड पर पडऩे वाले गांव उजडऩे के कगार पर पहुंचे चुके हैं। लोगों के काम धंधे ठप हैं। वर्तमान रोड बंद होने का सबसे अधिक असर शिक्षा पर पड़ा है। लड़कियों को 5-6 कि.मी. की बजाय 23 कि.मी. का सफर तय करके अपने स्कूल, कॉलेज जाना पड़ रहा है। सब्जी, दूध, फल, विक्रेता, व्यापारी, कर्मचारी, मजदूर, किसान सभी इस रोड के बंद हो जाने के परिणाम भुगत रहे हैं। इसलिए हम ग्रामीणों की सरकार से मांग है कि हमें 3 कि.मी. का सडक़ मार्ग और बनाकर दिया जाए ताकि भविष्य में ग्रामीणों को किसी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े। उन्होंने बताया कि ठंड, बारिश, आंधी, तूफान, में भी भारी संख्या में ग्रामीण बुजुर्ग, महिलाएं, पुरुष, युवा बच्चे धरने पर डटे हुए हैं।

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