मजदूर के बच्चे की सीवरेज मेनहॉल में गिरकर हुई थी मौत, राजेश हिन्दुस्तानी के कड़े संघर्ष व प्रयासों से माता-पिता को मिलेगा 15 लाख का मुआवजा
वर्ष 2018 में बच्चे के माता-पिता को इंसाफ देने के लिए चिलचिलाती धूप में धरने पर बैठे थे राजेश हिन्दुस्तानी -
एंटिक ट्रुथ | हिसार
जागो मानव बनो इंसान संस्था के अध्यक्ष सामाजिक कार्यकर्ता गंगापुत्र राजेश हिन्दुस्तानी द्वारा वर्ष 2018 में रेलवे के खुले सीवरेज मेनहॉल में गिरकर मजदूर टोनी के 13 माह के बच्चे की मौत होने पर उनके परिजनों के हक में आवाज उठाए जाने के मामले में माननीय उच्च न्यायालय ने नगर निगम को बच्चे के माता-पिता को 15 लाख रुपये का अंतरिम मुआवजा दिए जाने के आदेश दिए हैं। राजेश हिन्दुस्तानी ने बताया कि वर्ष 2018 में एक मजदूर टोनी का 13 माह का बच्चा रेलवे के सीवरेज मेनहॉल में गिरकर मौत का शिकार हो गया था। इस मामले में कोई कार्यवाही करने की बजाय रेलवे के अधिकारी व पुलिस माता-पिता को ही पीडि़त कर रहे थे और मामला दबाने के लिए उसके क्वार्टर को तुरंत खाली करवाने व उसका सामान उठवाने के लिए आमादा थे ताकि मामला दबाया जा सके। राजेश हिन्दुस्तानी को वर्मा न्यूज एजेंसी की मालिक वीना वर्मा के माध्यम से पता चलते ही उन्हें हक दिलाने के लिए वहीं धरने पर बैठ गए और मई-जून की चिलचिलाती धूप में ही वे मजदूर दंपत्ति के क्वार्टर के सामने ही उन्हें इंसाफ दिलाने के लिए धरने पर कई दिनों तक बैठे रहे। इस दौरान रेलवे के तत्तकालीन जेई आशुतोष व पुलिस ने उनके साथ धक्का मुक्की भी की और उन्हें वहां से हटाने व केस दर्ज करने की धमकी दी लेकिन राजेश हिन्दुस्तानी वहां डटे रहे और मजदूर दंपत्ति के लिए पुलिस प्रशसान व जिला उपायुक्त व अन्य अधिकारियों को पत्र लिखकर न्याय दिलाने की मांग की और इंस्पेक्टिंग जज दया चौधरी के समक्ष मजदूर दंपत्ति को पेशकर व उन्हें पूरे मामले से अवगत करवाया और मामले में इंसाफ दिलाने की मांग की तथा हिन्दुस्तानी ने कहा था कि हरियाणा में सीवरेज के मेनहॉल खुले होने से प्रशासन की नाकामी से कई लोग हादसे के शिकार होते हैं उस पर कार्यवाही हो। जज दया चौधरी ने सभी तथ्यों को देखते हुए माननीय हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को मामला सौंपा। उन्होंंने इसे जनहित याचिका मानते हुए हरियाणा सरकार व निगम के सभी जिलों के अधिकारियों को नाटिस कर खुले मेनहॉल से होने वाले हादसों संबंधी जवाब मांगा था और मेन हॉल को ढकने के आदेश भी पारित किए थे। हिन्दुस्तानी ने बताया कि उसके बाद हादसों में कमी आई और उनके पास निगम के कई अधिकारियों के उनके पास मामले के संबंध में फोन भी आए थे। राजेश हिन्दुस्तानी मजदूर टोनी को लेकर माननीय हाईकोर्ट में पेश हुए और बाद में वरिष्ठ अधिवक्ता वकील मुकेश राव ने इस मामले की पैरवी की। अब इसी मामले में माननीय उच्च न्यायालय ने नगर निगम को मजदूर दंपत्ति को 15 लाख रुपये की अंतरित मुआवजा दिए जाने के आदेश दिए हैं और साथ ही खुले सीवरेज मेनहॉल बारे नीति बनाने बारे भी जवाब मांगा है। हिन्दुस्तानी ने बताया कि मजदूर दंपत्ति जो पहले कृष्णा नगर में रहते थे उसका अभी कोई अता-पता नहीं है हालांकि वो पैसे उनके खाते में फिक्स डिपोजिट में जमा होंगे। हिन्दुस्तानी उन्हें ढूंढते फिर रहे हैं कि उनके कड़े सघर्ष के बाद बड़ी सफलता मिली है और हरियाणा भर में खुले मेन हॉल को ढंकने का काम शुरू होने से हादसों में कमी आई है।