हमें हमारे बच्चों को हौसला और आत्मविश्वास बढ़कर तनाव को कम करने वाली बातें करनी चाहिए-पूजा आशीष लावट
एंटिक ट्रुथ | हिसार
“यह आजमाइश परवरिश की है”…….अव्वल तो ” परीक्षा” शब्द ही ऐसा है जिसे सुनकर बच्चे अक्सर तनावग्रस्त हो जाते हैं सिर्फ परीक्षा का सामना करने के ठीक पहले घर से निकलते समय अपने अभिभावकों की चेतावनी नसीहत या समझाइश उनके डर और तनाव को चरम पर पहुंचा देती है यहां तक की माता-पिता का कठोर निर्णय या उनकी घूरती आंखें भी उनके प्रदर्शन पर गहरा नकारात्मक असर डाल सकती है हालांकि निश्चित रूप से कोई भी माता-पिता यह नहीं चाहता कि उनकी बातों से बच्चा हो तो उत्साहित हो जाए और उसके प्रदर्शन पर असर पड़े परंतु न चाहते हुए भी अक्सर हमारे मुख से ऐसी बात निकल आती है जिसे हमें बचना चाहिए इसकी जगह हमें हमारे बच्चों को हौसला और आत्मविश्वास बढ़कर तनाव को कम करने वाली बातें करनी चाहिए ……
1.क्या न कहे…..* भ्रम में डाल देना: तुम्हारा दोस्त कह रहा था कि चौथा या पांचवा चेप्टर महत्वपूर्ण है तुम्हारी तैयारी है ना इसे दूर रहे * डराना: ध्यान रहे यह कक्षा बहुत महत्वपूर्ण है इसके मार्क्स से तुम्हारा भविष्य तय होगा * तुलना करना : अपने भाई बहन को देखो तुम्हारे पड़ोस के दोस्त को देखो अच्छे नंबर से पास होता है एक तुम ही हो * शंका पैदा कर देना: पढ़ा हुआ सब याद है ना सोने के बाद भूल तो नहीं गए? * धमकाना : अच्छे नंबर नहीं लाई तो स्कूल से नाम कटवा दूंगा * एहसान जताना: इतने पैसे खर्च कर रहे हैं अपनी जरूरत में कटौती करके तुम्हें पढ़ रहे हैं पर तुम्हें क्या फर्क पड़ता है? जैसा कि पहले भी कहा गया है कि कोई भी अभिभावक जानबूझकर बच्चों को डराता धमकाता नहीं है परंतु फिर भी हमारे शब्द और इरादे कई बार जिसका असर उल्टा हो जाता है यानी बच्चा सतर्क जागरूक होने के बजाय हमारा बच्चा डर जाता है ”
2.क्या कहे बच्चो से: हमें पूरा यकीन है तुम जीवन में बहुत आगे जाओगे * हमारा आशीर्वाद हमेशा तुम्हारे साथ है ईश्वर भी तुम्हारी सहायता करेगा * हमने देखा है तुमने बहुत मेहनत की है बिल्कुल मत घबराओ तुम्हारी जीत होगी * खुद पर विश्वास रखो तुम अच्छा कर सकते हो *परीक्षा हाल में केवल पेपर पर ध्यान देना रिजल्ट की चिंता बिल्कुल मत करना *जिंदगी में बहुत सारी परीक्षाएं आती है हम सब भी रोज परीक्षा देते हैं इसलिए बहुत ज्यादा मत सोचो ।।। आराम से जाना हम तुम्हें लेने समय पर आ जाएंगे माता-पिता की कई हुई हर छोटी-छोटी बात भी एक बच्चे के मन पर काफी प्रभाव डाल सकती है यदि आप उसे सकारात्मक शब्द कहेंगे तो उसकी ऊर्जा दोगुनी हो जाएगी वह निश्चित होकर परीक्षा देगा… और जो बच्चों को करना है…… अगर आप मोबाइल के किसी ऐप से पढ़ाई कर रहे हैं तो फोन को डू नॉट डिस्टर्ब मॉड पर रख सकते हैं किसी का कॉल नहीं आएगा *पढ़ाई के लिए तय किए गए स्थान को ना फोन जॉन बनाएं वहां फोन ले जाने से बच्चे रिवीजन के लिए तैयार किए गए नोट सही पढ़ाई करें अगर ऑनलाइन क्लास से पढ़ाई कर रहे हैं तो लैपटॉप स्टडी करे या किसी परिजन का फोन भी इस्तेमाल कर सकते हैं *अपना सोशल मीडिया अकाउंट हटाए * माइंड मैपिंग से पढ़िए हर बिंदु याद रहेगा.. हमारे बच्चे ही हमारे देश की पहचान है और देश का भविष्य है
इन छोटी-छोटी बातों पर अगर अभिभावक गौर कर ले तो शायद ही कोई बच्चा सुसाइड के बारे में सोचे… हम ऐसा करके उनके मानसिक तनाव को कम कर सकते है….