हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने बुधवार को सेकेंडरी व सीनियर सेकेंडरी वार्षिक परीक्षा मार्च-2024 के लिए अस्थाई मान्यता प्राप्त प्राइवेट स्कूलों के परीक्षार्थियों के ऑनलाइन आवेदन-पत्र के लिए साइट खोल दी। अब 7 फरवरी तक बिना किसी लेट फीस के आवेदन बोर्ड की वेबसाइट www.bseh.org.in पर भरे जा सकेंगे। इससे पहले अस्थाई मान्यता प्राप्त स्कूलों को सरकार की ओर से फार्म अप्लाई करने की इजाजत नहीं दी गई थी। इससे हजारों बच्चों के भविष्य पर तलवार लटकी हुई थी। ये 1200 के करीब वे स्कूल हैं, जिनको हर साल मान्यता के लिए सरकार के रहमो करम पर रहना पड़ता है। इनमें लाखों बच्चे पढ़ते हैं।
भिवानी बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. वीपी यादव एवं बोर्ड की सचिव ज्योति मित्तल ने बताया कि सेकेंडरी व सीनियर सेकेंडरी वार्षिक परीक्षा मार्च-2024 के लिए अराजकीय अस्थाई मान्यता प्राप्त विद्यालयों के ऑनलाइन आवेदन-पत्र भरने की तिथि बिना विलम्ब शुल्क 31 जनवरी से 7 फरवरी तक निर्धारित की गई है।
10वीं की फीस 900, 12वीं की 1100 रुपए
उन्होंने बताया कि सेकेंडरी परीक्षा हेतु परीक्षार्थियों के लिए परीक्षा शुल्क 750 रुपए, माइग्रेशन शुल्क 50 रुपए व 100 रुपए प्रायोगिक विषय/विषयों शुल्क सहित कुल 900 रुपए फीस निर्धारित की गई है। उन्होंने बताया कि इसके अतिरिक्त यदि सेकेंडरी के परीक्षार्थी द्वारा अतिरिक्त विषय की परीक्षा दी जानी है तो उसे परीक्षा शुल्क के अलावा 200 रुपए और देने होंगे। उन्होंने बताया कि सीनियर सेकेंडरी परीक्षा हेतु परीक्षार्थियों के लिए परीक्षा कुल शुल्क 1100 रुपए निर्धारित किया गया है। इसके अतिरिक्त यदि सीनियर सेकेंडरी परीक्षार्थी द्वारा अतिरिक्त विषय की परीक्षा दी जानी है तो उसे परीक्षा शुल्क के अलावा 200 रुपए अतिरिक्त विषय शुल्क भी जमा करवाना होगा।
उन्होंने बताया कि सेकेंडरी/सीनियर सेकेंडरी विद्यालय मुखिया 1000 रुपए विलम्ब शुल्क के साथ 8 व 9 फरवरी को ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि अराजकीय अस्थाई मान्यता प्राप्त विद्यालयों को स्टाफ स्टेटमेंट व केन्द्र ऑप्शन 9 फरवरी तक भरने का समय दिया गया है। उन्होंने बताया कि जिन विद्यालयों द्वारा ऑनलाइन आवेदन व केन्द्र ऑप्शन प्रक्रिया पूर्ण कर ली जाती है, उनकी फाइनल कट लिस्ट 10 फरवरी को विद्यालय की लॉगिन आईडी पर जारी की जाएगी। ऐसे विद्यालय जिन द्वारा केन्द्र ऑप्शन नहीं भरी जाएगी, का परीक्षा केन्द्र बोर्ड की निर्धारित नीति अनुसार अलॉट कर दिया जाएगा। इसके लिए विद्यालय मुखिया स्वयं जिम्मेदार होगा।