खुले मेनहॉल में गिरने से हुई थी बच्चे की मौत, राजेश हिन्दुस्तानी ने लड़ी बड़ी कानूनी लड़ाई, मजदूर माता-पिता को निगम से दिलवाया मुआवजे का 7.5 लाख चेक, 7.5 लाख का चेक मिलना बाकी
एंटिक ट्रुथ | हिसार
जागो मानव बनो इंसान संस्था के अध्यक्ष सामाजिक कार्यकर्ता गंगापुत्र राजेश हिंदुस्तानी ने बताया कि 2018 में रेलवे कालोनी सीवरेज में मजदूर टोनी उर्फ दीपक के बेटे डेढ़ साल के मासूम की जान गई तो राजेश हिन्दुस्तानी से मदद मांगने पर 4-5 दिन रेलवे क्वार्टरों के आगे मजदूर की मदद में धरने पर अड़े रहे। रेलवे अफसरों और ठेकेदारों द्वारा धमकी मिली कि रेलवे एक्ट के तहत बीकानेर में तारीख लगेगी जमानत नहीं होगी तो भी हिन्दुस्तानी धूप और गर्मी की परवाह किए बिना क्वार्टर खाली नहीं होने दिया और अड़े रहे। हिन्दुस्तानी ने 4000 रुपये जेई से भी मजदूर दंपत्ति दिलवाए और कमरा मिलने पर काफी दिनों बाद क्वार्टर खाली करवाया। बाद में हिन्दुस्तानी ने माननीय हाई कोर्ट की इंस्पेक्टिंग जज श्रीमती दया चौधरी के संज्ञान में लाए कि मैं सामाजिक कार्यकर्ता हूं और लोगों की मदद करता हूं सारे दस्तावेज उन्हें दिखाए और कहा कि इनकी सुनवाई और ऐेसे खुले मेन होल में हरियाणा में बारिश के दिनों में हादसे होकर लोगों की जानें जाती है इस पर रोक लगे। पत्र व रिकॉर्ड देकर मदद की गुहार लगाई व दंपत्ति को पेश किया। उन्होंने इस मामले को चीफ जस्टिस को दिया तो उसे गंगापुत्र राजेश हिन्दुस्तानी बनाम स्टेट ऑफ हरियाणा जनहित याचिका मानकर चीफ जस्टिस ने हरियाणा सरकार को आदेश दिया कि हरियाणा में सभी मेनहाल कवर किए जाएं ताकि हादसे ना हों। हिन्दुस्तानी को मेनहोन ढकने बारे में कई जगह से फोन आए तो हिन्दुस्तानी ने कहा कि हाईकोर्ट का आदेश है हरियाणा के जिलों में सीवरेज मेनहॉल ठीक से ढके जाएं ताकि हादसे ना हो।
हिन्दुस्तानी ने बाद में सीनियर वकील मुकेश राव के मार्फत इनकी लड़ाई लड़ते रहे और हाईकोर्ट जाते रहे। ये दंपत्ति भी निराश होकर हिन्दुस्तानी से दूर हो गया कई साल मिला तक नहीं। हाईकोर्ट ने दिसंबर 2023 में नगर निगम को मजदूर दंपत्ति को 7.5-7.5 लाख मुआवजा देने का आदेश दिया तो हिन्दुस्तानी ने दंपत्ति को ढूंढा इसी दौरान नगर निगम सुप्रीम कोर्ट पहुंचे कि ये रेलवे का मामलाहै हमारा देना नहीं बनता तो माननीय सुप्रीम कोर्ट ने हिसार लोक अदालत में मामला भेजा तो नगर निगम ने हिसार लोक अदालत की बात न मानते हुए सुप्रीम कोर्ट में पैरवी की परंतु सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश को सही ठहराते हुए मजदूर दंपत्ति के अकाउंट में फिक्स्ड डिपाजिट 7.5-7.5 लाख करवाने का आदेश दिया तो निगम में मजदूर दंपत्ति को लेकर हिन्दुस्तानी गए और मजदूर दंपत्ति के अकाउंट व अन्य दस्तावेज सौंपे जिससे उनको उनका हक दिलाया जा सके। हिन्दुस्तानी ने उनसे कुछ ना लिया बल्कि उनकी खर्चों में भी मदद की। ये गरीब लोगों के हक में हिन्दुस्तानी द्वारा बड़े संघर्ष की जीत है जिन्हें वे जानते तक न थे।
घरेलू नाम कागजात में टोनी होने से अभी टोनी उर्फ दीपक को चेक नहीं मिला है जबकि मजदूर की पत्नी काजल को नगर निगम अधिकारियों ने आज गंगा पुत्र राजेश हिन्दुस्तानी बनाम स्टेट ऑफ हरियाणा केस में हिन्दुस्तानी की मौजूदगी और उनके मजदूर दंपत्ति के व दो गवाओं राजेंद्र व छोटेलाल के हस्ताक्षर लेकर फिक्स डिपोजिट 7.5 लाख काजल को सौंप दिए।