हरियाणा

तलवंडी राणा रोड बचाओ संघर्ष समिति के धरने को हुए 401 दिन, ग्रामीणों की मांग 3 कि.मी. का रोड और देकर समस्या का स्थायी समाधान करे सरकार

छात्राओं को 5 कि.मी. की बजाय 23 कि.मी. का सफर तय करके जाना पड़ रहा स्कूल, कॉलेज

एंटिक ट्रुथ | हिसार

तलवंडी राणा व आसपास के दर्जनों गांवों को चंडीगढ़ बाईपास पर धरने पर बैठे हुए 401 दिन हो गए हैं। तलवंडी राणा रोड बचाओ संघर्ष समिति के अध्यक्ष एडवोकेट ओ.पी. कोहली ने बताया कि सरकार केवल 2.2 कि.मी. को रोड बनाकर उसे पुराने रोड में मिलाकर ग्रामीणों को आधा-अधूरा रोड दे रही है और ग्रामीणों की समस्या को जस का तस रख रही है। यह रोड हवाई अड्डे की तीसरी पट्टी में आना प्रस्तावित है जिससे कुछ दिनों बाद ही ग्रामीणों के सामाने फिर से रोड की समस्या खड़ी हो जाएगी। सरकार एयरपोर्ट की बाहरी दीवार के साथ-साथ, राणा माइनर से धांसू रोड गैस प्लांट तक का तीन कि.मी. का रोड देकर ग्रामीणों की समस्या का समाधान करे ताकि फिर से ग्रामीणों को इस संबंध में कोई परेशानी न हो। उन्होंने कहा कि गांव तलवंडी में पिछले 13 महीने से बस व ऑटो का अवागामन बंद है जिससे ग्रामीणों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
एडवोकेट ओ.पी. कोहली ने बताया कि तलवंडी राणा रोड-बरवाला रोड जो कि चंडीगढ़ हाइवे था, उसके बंद हो जाने का सबसे अधिक असर शिक्षा पर पड़ा है। विशेष तौर पर छात्राओं को सबसे अधिक परेशानी हुई है पहले 5-7 कि.मी. की दूरी तय करके जो छात्राएं अपनी स्कूटी, साइकिल इत्यादि से अपने शिक्षण संस्थानों में चली जाती थीं उन्हें अब लगभग 23 किलोमीटर का सफर तय करके स्कूल कॉलेज पहुंचना पड़ रहा है। इसका सबसे अधिक असर बच्चों की पढ़ाई पर पड़ा है। रोड बंद हो जाने से तलवंडी राणा, बुगाना, धिकताना, बीड़ बबरान, जुगलान, बहबलपुर, धांसु आदि गांवों के ग्रामीणों के शिक्षा, रोजगार, रहन-सहन व स्वास्थय पर बुरा असर पड़ा है। कर्मचारी, व्यापारी, किसान, मजदूर, छात्र सभी परेशान हैं। वहीं इस रोड पर पडऩे वाले अनेक उद्योग, धंधे, व्यापार, दुकानें, बाजार ठप पड़े हैं और उनके व्यापार बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। अनेक लोगों के काम धंधे इस रोड के बंद हो जाने से छिन गए हैं।
कोहली ने बताया कि पिछले दिनों श्री श्याम बाबा का ऐतिहासिक एवं बहुत पुराना मंदिर गांव बीड़ बबरान है जो कि इसी रोड पर पड़ता है जहां हर साल श्रद्धालु ध्वजा निशान चढ़ाने पैदल जाते हैं। पिछले दिनों लाखों की संख्या में श्रद्धालु हिसार सहित अन्य क्षेत्रों से यहां पैदल मंदिर गए जिन्हें कच्चे रास्ते से होकर मंदिर तक जाना पड़ा जो कि उबड़-खाबड़ व कांटों से भरा हुआ था जिससे  सैकड़ों लोगों के पांवों में छाले पड़ गए और उनके पैर जख्मी हो गए जिसमें महिलाएं, बच्चे, बुजुर्ग भी शामिल थे। रोड बंद होने से न केवल ग्रामीण बल्कि भगवान के भक्त भी परेशान हैं।
कोहली ने कहा कि सरकार 2.2 कि.मी. का रोड तो बना रही है लेकिन एयरपोर्ट के विस्तार के साथ ही उन्हें फिर से सडक़ की समस्या सामना करना पड़ेगा क्योंकि जिस रोड से इस 2.2 कि.मी. को जोड़ा जा रहा है वह तीसरी हवाई पट्टी में आ चुका है। इसलिए ग्रामीणों को एयरपोर्ट की बाहरी दीवार के साथ-साथ धांसु गैस प्लांट तक लगभग 3 कि.मी. का रोड देकर इस स्थायी रोड को पूरा किया जाए जिससे ग्रामीणों के लिए आजीवन इस समस्या का समाधान हो जाएगा।
उन्होंने कहा कि एक साल से भूमाफिया और सरकार की लेट लतीफी के कारण ग्रामीणों को रोड मिलने में देरी हो रही है। अब प्रदेश में नायब सिह सैनी मुख्यमंत्री बने हैं उन्हें ग्रामीणों की समस्या से अवगत करवाया जाएगा तथा नए मंत्रियों व जिला प्रशासन को जल्द से जल्द से तीन कि.मी. की बची हुइ फाइल चालू करवाने संबंधी ज्ञापन दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि ठिठुरती हुई ठंड, बारिश, आंधी, तूफान, में भी भारी संख्या में ग्रामीण बुजुर्ग, महिलाएं, पुरुष, युवा बच्चे धरने पर डटे हुए हैं।

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