जिन कार मालिकों के वाहन जब्त कर लिए गए हैं, उन्हें जल्द ही खुशख़बरी मिल सकती है.
ओवरएज मामले में जब्त कर लिया गया था, उन्हें कुछ मुआवजे के साथ छोड़ा जा सकता है.
जब्त किए गए वाहन
दिल्ली सरकार परिवहन विभाग द्वारा जब्त किए गए अधिक उम्र वाले पुराने वाहनों को छोड़ने के लिए एक नीति को अंतिम रूप देने की कगार पर है. हालांकि इसके लिए वाहन मालिकों को विभाग को शपथपत्र देना होगा.
जिन कार मालिकों के वाहन जब्त कर लिए गए हैं, उन्हें जल्द ही खुशख़बरी मिल सकती है. क्योंकि दिल्ली परिवहन विभाग ने ‘एंड ऑफ लाइफ’ वाहन (ELV) नीति को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है, जिसे अगले दो सप्ताह में अंतिम रूप दिया जा सकता है. इस नई निती के तहत ऐसे वाहन जिन्हें ओवरएज (Overage) मामले में जब्त (Impound) कर लिया गया था, उन्हें कुछ मुआवजे के साथ छोड़ा जा सकता है.
पीटीआई
पीटीआई की एक रिपोर्ट में एक अधिकारी के हवाले से बताया गया कि, दिल्ली सरकार परिवहन विभाग द्वारा जब्त किए गए अधिक उम्र वाले पुराने वाहनों को छोड़ने के लिए एक नीति को अंतिम रूप देने की कगार पर है. 30 से अधिक कार मालिकों की कई शिकायतों और याचिकाओं के बाद, दिल्ली उच्च न्यायालय ने अगस्त में विभाग को जब्त किए गए वाहनों को मालिक के वचनपत्र पर जारी करने के लिए एक पॉलिसी बनाने का निर्देश दिया था.
दिल्ली उच्च न्यायालय के निर्देशों के अनुसार नीति में जब्त किए गए वाहनों को रिलीज किया जा सकता है. इसके अनुसार दोपहिया वाहनों के लिए 5,000 रुपये और चार पहिया वाहनों के लिए 10,000 रुपये तक के जुर्माने का प्रस्ताव है.
शपथ पत्र
इन जब्त किए गए वाहनों को सार्वजनिक स्थानों पर पार्किंग या सार्वजनिक सड़कों पर गाड़ी चलाने जैसे उल्लंघनों के लिए प्रवर्तन टीमों द्वारा जब्त कर लिया गया था. हालांकि, इन वाहनों को छुड़ाने के लिए वाहन मालिकों को यह शपथ पत्र देना होगा कि वे अपने वाहनों को सार्वजनिक स्थानों पर पार्क करने या सार्वजनिक सड़कों पर नहीं चलाएंगे.
यह भी बताया गया है कि, पुरानी कारों को मरम्मत के लिए ले जाते समय वाहन मालिकों को परिवहन विभाग को सूचित करना चाहिए और उन वाहनों को ले जाने के लिए किराए की लॉरी या गाड़ी का उपयोग करना चाहिए.
इसके अलावा, सरकार दिल्ली के बाहर वाहनों को स्थानांतरित करने के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) प्राप्त करने के लिए छह से 12 महीने की अवधि की पेशकश कर सकती है. पिछले वर्ष जनवरी से अक्टूबर के बीच लगभग 50 लाख वाहनों का पंजीकरण रद्द किया गया था, जिनमें से अब तक 15,000 से अधिक वाहनों को जब्त कर लिया गया है.
परिवहन मंत्री
विभाग ने परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत को एक मसौदा सौंपा है. पिछले हफ्ते एक बैठक में मंत्री ने कुछ बदलाव और सुझाव मांगे थें. एक बार नीति को अंतिम रूप देने और मंजूरी मिलने के बाद, सरकार वाहन मालिकों को विभिन्न विकल्प देगी जो अपने वाहन वापस चाहते हैं. इसमें कई तरह के विकल्प शामिल होंगे जैसे वाहन को दूसरे शहर में स्थानांतरित करें, बेचना, इसे मौजूदा नीति के अनुसार विंटेज कार के रूप में पंजीकृत करना, या इसे सुरक्षित रूप से पार्क करना इत्यादि.
सरकार मालिक को यह तय करने के लिए छह महीने का समय भी देगी कि वाहन के साथ क्या करना है. इसके बाद जो भी वाहन चलते हुए पाया जाएगा उसे जब्त कर स्क्रैपिंग (Scrapping) के लिए भेज दिया जाएगा. यह पूरी प्रक्रिया बहुत सरल और ऑनलाइन होगी. लोगों को शपथ पत्र देना होगा कि वे सार्वजनिक स्थान पर अपना वाहन नहीं चलाएंगे और न ही पार्क करेंगे. लोग पुराने वाहन को निजी परिसर में पार्क कर सकते हैं और उन्हें MCD द्वारा दिया गया पार्किंग प्रमाण लेना होगा.